नई दिल्ली. यात्रा संबंधी सेवाएं देने वाले मंच मेकमाईट्रिप ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के केंद्र शासित प्रदेश लक्ष्यद्वीप जाने के बाद से उसके मंच पर द्वीप के बारे में सर्च या खोज 3,400 प्रतिशत बढ़ गई है. Make My Trip ने सोशल नेटवर्किंग मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि हमने प्रधानमंत्री की यात्रा के बाद से Lakshadweep के लिए मंच पर ‘सर्च’ में 3,400 प्रतिशत की वृद्धि देखी है. कई लोगों ने भारतीय द्वीप की तुलना मालदीव और सेशेल्स जैसे विश्वस्तर पर मांग वाले समुद्र तट स्थलों से करना शुरू कर दिया है. कई मशहूर हस्तियों ने ‘एक्स’ पर लोगों से मालदीव जाने के बजाय घरेलू पर्यटन स्थलों के बारे में जानने का आग्रह किया है.
Lakshadweep को मालदीव बनाने के लिए करना होगा बहुत कुछ, जाने मुख्य दिक्कतें
- Maldives का वीजा फ्री है, जबकि Lakshadweep जाने के लिए आपको परमिट लेना होगा.
- भारत से Maldives पहुंचना आसान है, जबकि लक्षद्वीप के लिए आपको केरल होकर जाना होगा.
- भारत के सभी प्रमुख हवाई अड्डों से maldives के लिए अच्छी- खासी संख्या में फ्लाइट्स उपलब्ध हैं, जबकि लक्षद्वीप के लिए ऐसा नहीं है.
ये है विवाद
प्रफुल खोडा पटेल 2020 से Lakshadweep में प्रशासक है. कभी गोमांस पर पाबंदी लगाने और कभी शुक्रवार की छुट्टी को रविवार को किए जाने के फैसले को लेकर यहां विवाद हो चुका है. लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल की सांसदी जनवरी 2023 में रद कर दी गई थी.
कैसे पहुंच सकते है लक्षद्वीप (how to reach Lakshadweep)
यह केरल के कोच्चि से 440 किलोमीटर दूर है. यहां की कुल आबादी 64 हजार है, इनमें 96 फीसद मुसलमान है. यहां एक को छोड़कर सभी द्वीपों पर मलयालम भाषा बोली जाती है. सिर्फ मिनकॉय लोग मह्हे बोलते हैं, जिसकी लिपि धिवेही है. यहां के लोगों का मुख्य व्यवसाय मछली पकड़ना और नारियल की खेती है. अगाती में एक हवाई पट्टी और कोच्चि से आप वहां पहुंच सकते हैं. यहां से अन्य द्वीपों के लिए बोट और हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध है. कोच्चि से जहाज से लक्षद्वीप जाने में 14 से 18 घंटे लगते हैं. यहां के कई द्वीपों पर बाहरी लोगों के लिए प्रवेश वर्जित है.
मालदीव में सुविधाएं
175 रिसॉर्ट, 14 होटल, 865 गेस्ट हाउस, 156 जहाज, 280 डाइव सेंटर्स (स्रोत: मालदीव पर्यटन)
जाने मालदीव को
1200 द्वीपों का समूह है मालदीव, ज्यादातर पर कोई नहीं रहता. मालदीव का अर्थ है द्वीपों की माला. मालदीव का माल शब्द मलयालम से आया है. यहां की आवादी 4 लाख है. 1965 में इसे ब्रिटेन से आजादी मिली. यहां की बोली धिवेही और अंग्रेजी है. यहां की राष्ट्रीय आय का एक चौथाई हिस्सा पर्यटन से ही आता है. यहां हर साल करीब 20 लाख पर्यटक आते हैं. यहां अधिकांश पर्यटक भारत, रूस, चीन, ब्रिटेन, जर्मनी, इटली और अमरीका से आते हैं.