मनीषा त्रिपाठी, भोपाल. अयोध्या में प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण पूर्ण होने को है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को श्रीराम मंदिर का अयोध्या में उद्घाटन करेंगे. इधर, राम मंदिर को लेकर संत समाज भी दो धड़ों में बटा हुआ नजर आ रहा है.

सनातन के लिए संत शक्ति आंदोलन की शुरुआत हो रही है. साध्वी सरस्वती संतों की एकजुटता का आंदोलन चला रही हैं. जिसमें देशभर के साधु संतों को एकजुट किया जा रहा है. कांग्रेस वाली लोकसभा सीटों पर विशेष जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.

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वहीं मुंबई के महामंडलेश्वर स्वामी चिदंबरानंद महाराज का बड़ा बयान सामने आया है. महामंडलेश्वर ने आयोजन पर सवाल उठाने वाले शंकराचार्यों पर संतों ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि यह लोग राम पर सवाल करने वालों से जबाव क्यों नही लेते. शंकराचार्य सनातन को डेंगू कोरोना कहने वालों से सवाल पूछें.

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गौरतलब है कि जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा है कि “चारों शंकराचार्य वहां नहीं जा रहे हैं. ऐसे किसी राग द्वेष के कारण नहीं बल्कि शंकराचार्य का यह दायित्व है कि वह शास्त्र विधि का पालन करें और करवाएं.

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शंकराचार्य ने कहा है कि ”मंदिर अभी बना नहीं है और प्रतिष्ठा की जा रही है. कोई ऐसी परिस्थिति नहीं है जिसकी वजह से यह प्राण प्रतिष्ठा जल्दी करनी पड़े. ऐसे में उचित मुहूर्त और समय का इंतजार किया जाना चाहिए. हम एंटी मोदी नहीं है लेकिन हम एंटी धर्म शास्त्र भी नहीं होना चाहते. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सभी लोग त्यागपत्र दें.”

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