भारत सरकार के आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के आंकड़े जारी कर दिए हैं. इस बार उत्तर प्रदेश के कई शहरों ने भी बाजी मारी है. एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में बेहतर साफ-सफाई के मामले में दिल्ली से सटे नोएडा और गाजियाबाद का भी नाम है.

1 लाख की आबादी वाले पैमाने पर उत्तर प्रदेश का नोएडा सबसे साथ-सुथरा शहर है. स्वच्छ सर्वेक्षण में गाजियाबाद नगर निगम ने प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त किया है. पिछले साल भी नगर निगम प्रदेश में पहले स्थान पर रहा था. देश की रैंकिंग में गाजियाबाद काफी पिछड़ गया है. पिछले साल देश में नगर निगम की 12वीं रैंकिंग थी लेकिन इस साल 38वीं रैंक मिली है.

स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के राष्ट्रीय पुरस्कारों का ऐलान होने के बाद नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने अपने हाथों से यह पुरस्कार  दिया है. उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री ए.के. शर्मा ने राष्ट्रपति के हाथों यह पुरस्कार ग्रहण किया है. बताया गया है कि राष्ट्रीय पुरस्कार पाने वाले 13 शहरों में से 2 यूपी के ही है. नोएडा, गाजियाबाद. अलीगढ़, आगरा, फिरोजाबाद, लखनऊ समेत कुछ अन्य शहरों को राज्य पुरस्कार मिला है.

उत्तर प्रदेश ने कचरा मुक्त शहरों में बेहतरीन प्रदर्शन कर अपनी रैंकिंग में सुधार की है. यूपी के मंत्री ने बताया है कि दो सालों में उत्तर प्रदेश ने अपने सभी शहरों और कस्बों को खुले में शौच मुक्त कर दिया है.

क्या कहते हैं आकड़े

– उत्तर प्रदेश के एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में मेरठ 108वें स्थान पर

– नोएडा-14वें, गाजियाबाद – 38वें, अलीगढ़ -40वें, वाराणसी-41वें, लखनऊ-44वें, सहारनपुर-76वें स्थान पर

– शामली 114वें, हापुड़ 203वें स्थान, बड़ौत 224वें, बुलंदशहर 225वें स्थान

– खुर्जा 220वें और मुजफ्फरनगर 264वें स्थान पर है.

कौन शहर सबसे स्वच्छ..

स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार समारोह में मध्यप्रदेश के इंदौर के लगातार सातवीं बार देश के सबसे स्वच्छ शहर का खिताब पाने का गौरव हासिल हुआ है. इंदौर के साथ सूरत भी संयुक्त रूप से नंबर-1 के पायदान पर रहा. देश के सबसे स्वच्छ राज्यों की श्रेणी में मध्‍य प्रदेश ने दूसरा स्‍थान प्राप्‍त किया. इस दौरान प्रदेश सरकार के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, राज्य मंत्री प्रतिमा बागरी एवं इंदौर महापौर पुष्यमत्रि भार्गव भी उपस्थित रहे.