आम आदमी पार्टी के नेता और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी सत्येंद्र जैन को अदालत से राहत मिल गई है. कोर्ट से राहत मिलने के बाद सत्येंद्र जैन अभी जमानत पर जेल से बाहर ही रहेंगे. अदालत ने उनकी अंतरिम जमानत बरकार रखी है.

आप नेता सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े केस में मई 2022 में गिरफ्तार किया गया था. इससे पहले साल 2017 से लेकर मई 2022 से पहले तक उनसे कई बार पूछताछ भी हो चुकी है. सत्येंद्र जैन को अदालत ने मेडिकल ग्राउंड पर अंतरिम जमानत दी थी. इसी के साथ अदालत ने कई तरह की पाबंदियां भी सत्येंद्र जैन पर लगाई थी. इसमें मीडिया से बातचीत करने पर भी मनाही शामिल है.

इससे पहले 9 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान सत्येंद्र जैन की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि पूर्वमंत्री के खिलाफ कोई अपराध नहीं बनता है. उन्होंने दलील दी थी कि कानून के मुताबिक, किसी कपनी की संपत्ति का श्रेय किसी भी शेयरधारक या निदेशक को नहीं दिया जाता है. तो फिर कंपनी में मौजूद पैसे का श्रेय सत्येद्र जैन को कैसै दिया जा सकता है.

साल 2017 में सीबीआई ने सत्येंद्र जैन और अन्य लोगों पर तीन कंपनियों इन्फोसॉल्यूशन, इंडो मेटालिम्पेक्स, अकिंचन डेवलपर्स और मंगलायतन प्रोजेक्ट्स के माध्यम से करोड़ों रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए थे. सत्येंद्र जैन और आम आदमी पार्टी शुरू से ही किसी भी तरह के मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों से इनकार करते रहे हैं. ईडी इस मामले में गहनता से छानबीन कर रही है. न्यायिक हिरासत में रहने के दौरान जब सत्येंद्र जैन की तबीयत खराब हो गई थी तब अदालत ने उन्हें मेडिकल ग्राउंड पर अंतरिम जमानत दी थी. साथ ही अदालत ने यह भी कहा था कि किसी भी इंसान को अपने खर्चे पर अपने मन मुताबिक निजी अस्पताल में इलाज कराने का अधिकार है.