इमरान खान, खंडवा। अयोध्या में रामलला का भव्य मंदिर बन कर तैयार है। 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य कार्यक्रम होने जा रहा है। वहीं जहां वन वास के दौरान भगवान राम सिया के कदम पड़े वो जगह आज भी अपने उद्धार की राह देख रही है। खंडवा में अभी भी माता सीता का मंदिर और सीता बावड़ी को जीर्णोद्धार की दरकार है। ऐसे में जब अयोध्या में रामलला का मंदिर बन कर तैयार है तो यहां भी माता सीता का मंदिर निर्माण किए जाने की मांग उठने लगी है।
यहां सीता मां ने पिया था पानी
मान्यता है कि त्रेता युग में जब भगवान राम को वनवास हुआ तो वह उत्तर से दक्षिण की और निकल पड़े। उत्तर से दक्षिण की और जाते समय वह भारत के मध्य में स्थित तत्कालीन खंडव वन जिसे अब खंडवा के नाम से जाना जाता है वहां एक दिन रुके थे। यहां माता सीता को प्यास लगी तो उस समय उनके पास पानी नहीं था। भगवान श्रीराम ने अपना धनुष उठाया और तीर चलाया। मान्यता है कि तीर पास में ही धरती को चिर अंदर धस गया और उस जगह से पानी निकलने लगा उस पानी से माता सीता ने अपनी प्यास बुझाई।
अब यहां एक कुंवा है जिससे शहर के लोग पानी पीते है। इस स्थान को रामेश्वर कुंड कहा जाता है। यहीं एक बावड़ी भी है जिसे सीता बावड़ी कहा जाता है। इसी के पास ही माता सीता का मंदिर भी है। इसी सीता मंदिर को जीर्णोद्धार की मांग उठने लगी है। बतादें कि, यहां रामेश्वर कुंड, ऐतिहासिक सीता बावड़ी और मंदिर तो है लेकिन रखरखाव के आभाव में कचरा, मलबा व अन्य सामग्री जाने तथा कई जमने से यह ऐतिहासिक सीता बावड़ी अव्यवस्थित हो गई है।
मां सीता के साथ नारायण, भोले बाबा भी है विराजित
इस बावड़ी का पानी भी उपयोग में लिया जाता था। आज भी उसमें साफ पानी स्पष्ट दिखाई देता है लेकिन इस का उपयोग नहीं होता। सीता बावड़ी के पास ही एक प्राचीन सीता मंदिर भी है, जिसमें माता सीता के साथ भगवान लक्ष्मी नारायण, भोले बाबा भी विराजित है। लेकिन मंदिर की स्थिति ठीक नहीं है।
पीढ़ियों से यहां मंदिर की देखरेख करने वाले नाथ संप्रदाय के पुजारी कहते हैं कि भगवान राम और सीता से जुड़ा यहां का इतिहास है। रामेश्वर कुंड स्थान पर भगवान भोलेनाथ के तीन मंदिर, राम दरबार, हनुमान मंदिर, साई मंदिर गायत्री माता मंदिर और भगवान परशुराम का भी मंदिर स्थापित है। बावड़ी और मंदिर संवर जाए तो बहुत अच्छा होगा।
अब जब अयोध्या में राम मंदिर बन कर तैयर है और उस भव्य मंदिर में स्वयं रामलला भी विराजने वाले है तो ऐसे में खंडवा के सीता मंदिर के निर्माण की मांग भी उठने लगी है। समाजसेवियों का कहना है कि काफी समय से प्रयास कर रहे हैं, अब इनमें तेजी ला रहे हैं। ऐसे में खंडवा के ही एक उद्योगपति ने सीता बावड़ी के साथ सीता मंदिर के जीणाेद्धार के लिए पहल करने की बात कही है। इंजिनियर्स भी यहां का नक्शा तैयार कर रहे हैं। उद्योगपति का कहना है कि वे जनसहयोग से यहां निर्माण करवाएंगे।
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