जीएस भारती, सीहोर। मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में आज रविवार को शहीद दिवस मनाया गया। राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। दरसअल, आज ही के दिन 1958 में अंग्रेजों ने 356 क्रांतिकारियों को जेल से निकालकर एक साथ गोलियों से भून दिया था।
अंग्रेजी शासन के खिलाफ मध्य भारत में चल रहे विद्रोह में सीहोर की बर्बरता पूर्ण घटना को जलियांवाला बाग हत्याकांड की तरह माना जाता है। 1 अगस्त 1857 को सीहोर छावनी के सैनिकों को नए कारतूस दिए गए, इन कारतूसों में सूअर और गाय की चर्बी लगी हुई थी। जांच में सूअर और गाय की चर्बी के उपयोग की बात सामने आने पर सैनिकों में आक्रोश बढ़ गया।
Morena News: बायो फ्यूल फैक्ट्री में लगी भीषण आग, मची अफरा-तफरी
सीहोर के सैनिकों ने सीहोर कॉन्टिनेंट पर लगा अंग्रेजों का झंडा उतार कर जला दिया और महावीर कोर्ट और बाली शाह के संयुक्त नेतृत्व में स्वतंत्र सिपाही बहादुर सरकार का ऐलान किया। जनरल ह्यूरोज को जब सीहोर की क्रांतिकारी गतिविधियों के बारे में जानकारी मिली तो इन्होंने इसे बलपूर्वक कुचलना के आदेश दिए। सीहोर में जनरल ह्यूरोज के आदेश पर 14 जनवरी 1858 को सभी 356 क्रांतिकारियों को जेल से निकालकर सीवन नदी किनारे सैकड़ा खेड़ी चांदमारी मैदान में लाया गया।
इन सभी क्रांतिकारियों को एक साथ गोलियों से भून दिया गया। जनरल ह्यूरोज ने इन क्रांतिकारियों के शवो को पेड़ों पर लटकाने के आदेश दिए और शवों को पेड़ों पर लटकाकर छोड़ दिया गया। दो दिन बाद आसपास के ग्राम वासियों ने इन क्रांतिकारियों के शवों को पेड़ से उतार कर इसी मैदान में दफनाया था। मकर संक्रांति के अवसर पर 14 जनवरी को बड़ी संख्या में नागरिक सैकड़ा खेड़ी मार्ग पर स्थित शहीदों के समाधि स्थल पहुंचकर पुष्पांजलि अर्पित करते हैं।
महिला टीचर ने युवक के सीने में घोंपा चाकू, हालत गंभीर, सामने आई ये वजह
Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक