संदीप शर्मा, विदिशा। अभी सर्दियों का मौसम खत्म भी नहीं हुआ है, इससे पहले विदिशा की जीवनदायनी बेतवा नदी में गंदगी का अंबार लग गया है। मुख्य घाटों पर गंदगी इतनी अधिक हो गई है कि लोगों का नहाना भी मुश्किल हो गया है। नदी के आसपास कई गांव हैं और किसान खेतों में सिंचाई नदी के ही पानी से करते हैं। वहीं, बेतवा पर बने स्टाफ डैम के लोगों की इस पानी से प्यास बुझती है।
नालों के गंदे पानी से दूषित हुई नदी
स्थानीय लोगों ने बताया कि विदिशा की गंदगी नालियों के पानी को बेतवा नदी में छोड़ी जाती है। इस कारण नदी लगातार दूषित हो रही है। बेतवा घाट के बीचों-बीच चरण तीर्थ नाम का एक प्राचीन स्थान है। मान्यता है कि भगवान राम वनवास के दौरान इस चरण तीर्थ स्थान से निकले थे और उनके चरण यहां पड़े थे। तभी से इसे चरण तीर्थ नाम दिया गया है।
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चरण तीरथ किनारे बना हुआ है मुक्तिधाम
बेतवा नदी के किनारे पर विदिशा का मुख्य मुक्तिधाम बना हुआ है। जहां प्रतिदिन लगभग 8 से 10 शवों का अंतिम संस्कार होता है। अंतिम संस्कार के बाद जो अपशिष्ट सामग्री बचता है, उसे लोग नदी में फेंक जाते हैं। जिससे लगातार चरण तीर्थ दूषित होता जा रहा है। नदी के घाटों पर बने मंदिरों के सेवक रमेश चौबे ने बताया कि बेतवा नदी के पानी में कीड़े पड़ चुके हैं। जिससे बीमारियां फैलने का डर बना हुआ है। उनका कहना है कि न कोई यहां पर समिति है न प्रशासन द्वारा इसकी देखभाल की जाती है। सफाई के संबंध में नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि राकेश शर्मा का कहना है कि घाटों की सफाई तो हो चुकी है। जल्द ही बोट चलवाकर सफाई करवाई जाएगी।
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