एनआईटी व सेन्ट्रल लाइब्रेरी के बीच 8 करोड़ की लागत से 6 एकड़ में बन रहा आॅक्सी रीडिंग जोन
वल्र्ड क्लास सुविधा से युक्त रीडिंग टाॅवर सहित खुले में पढ़ने की रहेगी सुमुचित व्यवस्था
रायपुर। मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह के निर्देश पर राजधानी में जिला खनिज न्यास निधि से एनआईटी और सेन्ट्रल लाइब्रेरी से बीच 8 करोड़ की लागत से करीब 6 एकड़ क्षेत्र मेें ‘‘आॅक्सी रीडिंग जोन‘‘ बनाया जा रहा है। यह सेंट्रल इंडिया का सबसे बड़ा और अद्वितीय आॅक्सी रीडिंग जोन एवं पुस्तकालय होगा जहां छात्र-छात्राओं को एक ही जगह पर सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की पुस्तकें और पढ़ाई के लिए उपयुक्त वातावरण मुहैया होगा।
कलेक्टर ओ.पी.चैधरी ने आॅक्सी रीडिंग जोन में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं सहित ज्ञानवर्धक और मोटिवेश्नल पुस्तकों के लिए डीएमएफ से प्रथम चरण में एक करोड़ रूपए की राशि भी स्वीकृत कर दी है। चौधरी ने बताया कि यहां मेडिकल, इंजीनियरिंग, मेनेजमेंट, आईटी, विधि, पत्रकारिता, साहित्य, रिसर्च, सीए, कामर्स, कला आदि क्षेत्रों के विशेषज्ञों के प्रस्ताव के आधार पर मानक पुस्तकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी ताकि छात्र-छात्राओं को इसका अधिक से अधिक लाभ मिल सके। छात्रों की आवश्यकताओं को देखते हुए और भी पुस्तकें सतत रूप से उपलब्ध करायी जाएंगी। इसके लिए और भी राशि स्वीकृत की जाएगी। आॅक्सी रीडिंग जोन में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की पुस्तकों के अलावा महापुरूषों की जीवनियां, मोटिवेश्नल बुक्स, उपन्यास एवं कहानियां, ज्ञानवर्धक एवं नैतिक शिक्षा से संबंधित पुस्तकें, पत्र, पत्रिकाएं एवं समाचार पत्र आदि भी उपलब्ध रहेंगे।
कलेक्टर चैधरी ने कहा कि आॅक्सी रीडिंग जोन में सभी तरह की पुस्तकों का समावेश रहेगा ताकि लोगों को पढ़ने का बेहतर अवसर, संसाधन व वातावरण मुहैया हो सके। उन्होंने कहा कि आॅक्सी रीडिंग जोन के लिए पुस्तक दान में भी ली जाएंगी ताकि छात्र-छात्राओं को सभी तरह की पुस्तकों का लाभ मिल सके। वर्तमान में इच्छुक व्यक्ति व संस्था सेन्ट्रल लाइब्रेरी में पुस्तक दान कर सकते है।
आॅक्सी रीडिंग जोन के सुचारू संचालन और पुस्तकों की खरीदी के लिए एक समिति भी गठित की गई है। कलेक्टर इस समिति के सरंक्षक होंगे। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी नीलेश क्षीरसागर को समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी समन्वयक और जिला रोजगार अधिकारी सदस्य सचिव होंगे।
कलेक्टर ओ.पी.चैधरी ने बताया कि एनआईटी और सेन्ट्रल लाइब्रेरी के बीच 6 एकड में आॅक्सी रीडिंग जोन का निर्माण किया जा रहा है। वर्तमान में सेन्ट्रल लाइब्रेरी में 2200 से अधिक मेंबर है, प्रतिदिन करीब 20 मेंबर बढ़ रहे है। साथ ही इस क्षेत्र में एनआईटी, एम्स, यूनिवर्सिटी, साईंस काॅलेज, आयुर्वेदिक काॅलेज आदि शैक्षणिक संस्थान संचालित है। इस क्षेत्र के आस-पास कई आवासीय काॅलोनियां है जहां बड़ी संख्या में काॅलेज व प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राएं किराए से रहते है। इसे देखते हुए इस क्षेत्र को आॅक्सी रीडिंग जोन के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां छात्र-छात्राओं को पढ़ने लिखने के लिए इंडोर और आउटडोर रीडिंग की सुविधा मिलेगी। यहां एक जी प्सल थ्री रीडिंग टाॅवर बनाया जा रहा है। जिसमें छात्र-छात्राओं को पढ़ने के लिए आत्याधुनिक सुविधाएं रहेगी। इसके साथ ही बाहर के कैम्पस को पीपल, नीम आदि के पेड़ों से आॅक्सी जोन के रूप में विकसित किया जाएगा। जहां पेड़ों के नीचे बैठकर पढ़ने के लिए चबूतरे आदि बनाए जा रहे है। लैण्ड स्कैप व गार्डन का निर्माण भी किया जा रहा है। यह पूरा क्षेत्र फ्री वाई-फाई जोन होगा। यहां रीडिंग जोन, लाइब्रेरी, ई-लाइब्रेरी, रेप्रोग्राफी सेक्शन, डिश्कशन सेक्सन और मल्टी मीडिया रूम रहेंगे। इसे ऐसा डिजाईन किया गया है कि दिन मे सूर्य की रोशनी से छात्र पढ़ाई कर सकेंगे वहीं रात्रि में सौर ऊर्जा से। रीडिंग टाॅवर की बिल्डिंग सूर्य के प्रकाश से गर्म न हो ऐसा इसे डिजाईन किया गया है। यहां बुक स्टोर, स्टेशनरी, कम्प्यूटर सेंटर तथा दो कैफेटेरिया का निर्माण भी किया जाएगा। जिससे प्राप्त आमदनी से भविष्य में इसका संचालन तथा संधारण किया जा सकेगा।