पंजाब सरकार की ओर से 1080 करोड़ रुपये में खरीदा गया गोइंदवाल जीवीके थर्मल प्लांट इस साल जून से बिजली बनाना शुरू कर देगा। राज्य सरकार ने इस प्लांट को श्री गुरु रामदास थर्मल प्लांट लिमिटेड नाम दिया है।

540 मेगावाट क्षमता वाले इस प्लांट के नए सिरे से संचालन की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं, जिसके लिए पीएसपीसीएल की ओर सेसात विशेषज्ञों की एक कमेटी का गठन किया गया है।

जीवीके ग्रुप द्वारा इस प्लांट को इसकी आधी क्षमता पर ही चलाया जाता रहा था। बाद में ग्रुप ने खुद को दिवालिया घोषित कर दिया और ग्रुप की देनदारियों के लिए हुई नीलामी में पंजाब सरकार ने इसे खरीद लिया।

खास बात यह भी है कि जीवीके ग्रुप के अधीन यह थर्मल प्लांट 7.08 रुपये प्रति यूनिट की दर से पावरकॉम को बिजली बेचता रहा था लेकिन अब मुख्यमंत्री भगवंत मान का दावा है कि यह प्लांट सरकार के अधीन काम करते हुए 4.58 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली उपलब्ध कराएगा। राज्य सरकार ने अगले धान सीजन तक इस प्लांट से बिजली हासिल करने की तैयारियां शुरू कर दी हैं।

राज्य सरकार उक्त थर्मल प्लांट का इसी हफ्ते पजेशन लेकर इसे पावरकॉम के सुपुर्द कर देगी। चूंकि लंबे समय से इस प्लांट के रखरखाव और मरम्मत के काम ठप हो चुके थे, इसलिए पावरकॉम इसी हफ्ते से इसकी मरम्मत का आकलन करके रिपोर्ट तैयार करेगा, जिसके आधार पर प्लांट की मरम्मत का काम शुरू होगा।


पीएसपीसीएल की ओर से गुरु रामदास थर्मल प्लांट के लिए गठित कमेटी में शामिल किए गए सात विशेषज्ञ हैं- लहरा थर्मल के डिप्टी चीफ इंजीनियर इंद्रजीत सिंह संधू, डिप्टी चीफ इंजीनियर (फ्यूल) केके बंसल, रोपड़ थर्मल प्लांट के निगरान इंजीनियर रणजीत सिंह, चीफ ऑडिटर राजन गुप्ता, लहरा थर्मल प्लांट के इंजीनियर बलजिंदर सिंह और रोपड़ थर्मल के इंजीनियर गुरिंदर सिंह। लहरा मोहब्बत थर्मल प्लांट के मुख्य इंजीनियर एमआर बंसल को इस कमेटी का नेतृत्व सौंपा गया है।