दिल्ली नगर निगम यानी MCD में अब तक स्टैंडिंग कमेटी का गठन नहीं हो सका है. इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी और बीजेपी में पहले से ही काफी विवाद रहा है. स्टैंडिंग कमेटी एमसीडी की सबसे शक्तिशाली कमेटी है. स्टैंडिंग कमेटी का गठन होने तक इसकी शक्तियों को एमसी़डी सदन को सौंपने को लेकर सदन की आज विशेष बैठक MCD की मेयर शैली ओबेरॉय ने बुलाई थी. लेकिन सदन की इस बैठक में जमकर हंगामा हुआ. विपक्ष के पार्षद व्हेल में आ गए और मेयर शैली ओबेरॉय की डेस्क पर चढ़कर पेपर भी फाड़े. सदन में इन फटे हुए कागजों को हवा में उछाला गया.

बताया जा रहा है कि जैसे ही मेयर शैली ओबेरॉय सदन में आईं वैसे ही ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ और ‘संविधान की हत्या बंद करो’ जैसे नारे विपक्षी पार्षदों ने लगाए. विपक्षी महिला पार्षदो ने निगम सचिव, मेयर और आयुक्त की सीट का घेराव किया है. बताया जा रहा है कि मेयर पहले 2.25 बजे और उसके बाद लगभग 2.55 मेयर सदन में आई थी. लेकिन दोनों बार विपक्ष के भारी विरोध के कारण उन्हें सदन से वापस जाना पड़ा.

18 सदस्यों वाली स्टैंडिंग कमेटी की शक्तियों को सदन को  दिए जाने को लेकर बीजेपी AAP के इस कदम का विरोध कर रही है और इसे गैर-संवैधानिका बता रही है.विपक्ष के नेता राजा इकबाल सिंह ने आम आदमी पार्टी को लेकर कहा कि स्टैंडिंग कमेटी की शक्ति को सदन को देना गलत और असंवैधानिक है. एमसीडी सदन स्टैंडिंग कमेटी की शक्तियों को नहीं ले सकता है. स्टैंडिंग कमेटी के नहीं होने होने एमसीडी के आर्थिक मसलों से जुड़े प्रस्ताव पेंडिंग पड़े हुए हैं. नियमों के मुताबिक, 5 करोड़ रुपये से ज्यादा के प्रस्ताव बिना कमेटी से अप्रूव हुए पास नहीं हो सकते हैं. MCD में भाजपा पार्षदों की मांग है कि स्थायी समिति के चुनाव जल्द से जल्द करवाया जाना चाहिए. दरअसल इस वक्त दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी सत्तारूढ़ है.

इस मसले पर आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, ‘स्टैंडिंग कमेटी का मसला महीनों से सुप्रीम कोर्ट में पड़ा है और एमसीडी के अभी कई काम बाकी हैं. स्टैंडिंग कमेटी के ना होने से इन कामों को रोका नहीं जा सकता है.’ आप ने साल 2022 में एमसीडी का चुनाव जीता था. लेकिन तब से लेकर अब तक स्टैंडिंग कमेटी का गठन नहीं हो सका है. यह एमसीडी की वो कमेटी है जिसके बाद बड़ी बजट की सभी अहम परियोनाओं संबंधित प्रस्ताव पास किए जाते हैं. स्टैंडिंग कमेटी के अप्रूवल के बाद ही कोई प्रस्ताव एमसीडी सदन में आता है.

एमसीडी में स्टैंडिंग कमेटी को लेकर चुनाव हुआ था. बाद में यह मसला हाई कोर्ट में गया. हाई कोर्ट में बीजेपी को राहत मिली थी और फैसला उसके पक्ष में गया था. लेकिन इसके बाद एमसीडी की मेयर शैली ओबेरॉय ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. जिसके बाद से स्टैंडिंग कमेटी का मामला अदालत में लंबित है.