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रायपुर. साय सरकार करीब दो हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही है. इसके लिए वित्त विभाग ने आरबीआई को डिमांड नोट भेज दिया है. सरकार को यह कर्ज प्रत्याभूति की नीलामी के जरिए मिलेगा. इसके मुताबिक सरकार एक-एक हजार करोड़ रुपए की दो किश्त 8 और 9 साल में वापसी की मियाद पर लेने जा रही है.
बता दें कि छत्तीसगढ़ समेत देश के आठ अलग-अलग राज्यों ने 19 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज मांगा है. आरबीआई मंगलवार को ई कुबेर के जरिए लोन का टेंडर खोलेगी. सत्ता में आते ही विष्णुदेव साय सरकार के सिर पर कर्ज का भारी बोझ पड़ा है. इस वक्त राज्य पर 88 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्जा चढ़ा हुआ है. भाजपा ने चुनाव के पहले जिस तरह से बड़े-बड़े वादे किए हैं, उससे कर्ज का बोझ कम होता नजर नहीं आ रहा है.
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भाजपा के घोषणा पत्र के वादे कर्ज की सीमा बढ़ाते हुए नजर आएंगे. इससे पहले पिछली सरकार ने विधानसभा में पेश किए गए एक आंकड़ें में बताया था कि जनवरी 2023 की स्थिति में राज्य पर 82 हजार 125 रुपए का कर्ज था. साल 2018 में कांग्रेस पार्टी की सत्ता में आने के बाद राज्य पर कुल कर्ज 41 हजार 695 करोड़ रुपए का था. भूपेश सरकार ने आपने पांच सालों के कार्यकाल में कर्ज का बोझ दोगुना कर दिया. आंकड़ें बताते हैं कि बतौर भूपेश सरकार ने जनवरी 2019 से जनवरी 2023 तक हर महीने औसतन 460 करोड़ रुपए ब्याज का भुगतान किया है. यानी चार साल में कुल 22 हजार 80 करोड़ रुपए का ब्याज भुगतान किया गया.
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