अनिल सक्सेना, रायसेन। रायसेन जिले से सैकड़ों कार सेवक 1992 में अयोध्या गए थे. जिन्हें रास्ते में रोक दिया था। जिसमें उदयपुरा से 5 कारसेवक भी गए थे. जिनमें से एक विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता बाबरी मस्जिद पर चढ़ गए और कुदाली से खोदना शुरू किया और 4 घण्टे खुदाई के बाद नीचे ढांचे के साथ गिर गए. जिनके पैर में चोट आई थी, आज भी वो निशान देखें जा सकते हैं.
अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढांचे को गिराने के लिए 1990 में रामभक्त कार सेवक पहुचें. मगर तत्कालीन सरकार ने गिरफ्तार कर लिया. वहीं कार्यकर्ताओं के मन में “राम काज कीजै बिना, मोहे कहा विश्राम” को लेकर 1992 में रायसेन जिले के उदयपुरा के रामभक्त बाबरी मस्जिद पर कुदारी फावड़े लेकर चढ़ गए और तीनों गुम्बजों को ध्वस्त कर दिया था.
सपना हुआ साकार
कार सेवक राकेश दीक्षित ने कहा कि उनका सपना आज साकार हो गया और वह कलयुग में आज त्रेता युग देख रहे हैं. कार सेवकों ने कहा कि हम लोगों ने तीन दिन से खाना नहीं खाया. बस हमारे मन में था कि बाबर के कलंक को मिटाना है. भगवान राम के अपमान का बदला हम लोगों ने लिया. आज राम मंदिर बन रहा है.
22 जनवरी को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा
गौरतलब है कि अयोध्य में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारियों जोर-शोर से चल रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को श्रीराम मंदिर का अयोध्या में उद्घाटन करेंगे. पूरी दुनिया इस ऐतिहासिक पल की साक्षी बनेगी. मंदिर में समारोह के लिए वैदिक अनुष्ठान कार्यक्रम से एक सप्ताह पहले 16 जनवरी को शुरू होंगे.
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