कुमार इंदर, जबलपुर। नानाजी देशमुख पशु चिकित्सालय विज्ञान विश्वविद्यालय (वेटरिनरी यूनिवर्सिटी) के कुलपति की नियुक्ति को लेकर विवाद छिड़ गया है। एक याचिका पर अंतरिम निर्णय लेते हुए हाईकोर्ट ने कहा है कि विश्वविद्यालय की कुलपति की नियुक्ति हाईकोर्ट के फैसले के अधीन रहेगी।

मामले में विश्वविद्यालय के पूर्व रजिस्ट्रार ने याचिका लगाकर इस बात पर आपत्ति दर्ज कराई गई है कि, कुलपति की नियुक्ति के लिए नियमों से छेड़छाड़ की गई है। याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि, अक्टूबर 2023 को राजभवन भोपाल से एक विज्ञापन जारी किया था जिसमें बिना किसी संवैधानिक प्रक्रिया को अपनाते हुए इस आवेदन पत्र में आवेदक का जन्म 1 मार्च 1959 का होना या फिर उसके पूर्व का होना अनिवार्य कर दिया गया था। इसी बात को लेकर आपत्ति दर्ज कराई है। याचिका में इस बात को चुनौती दी गई है कि बिना एक्ट 2009 में संशोधन किए गए इस नए नियम को जोड़ा गया है जो विधि के विरुद्ध है। लिहाजा इस शर्त को हटाया जाना चाहिए इसे लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने राज्य शासन प्रमुख सचिव, उच्च शिक्षा विभाग सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।

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