चंडीगढ. बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती द्वारा पूरे देश में अकेले लोकसभा चुनाव 2024 लड़ने का ऐलान करने से पंजाब की राजनीति गर्मा गई है। पंजाब में अब बसपा की शिरोमणि अकाली दल से भी राहें अलग होंगी। वहीं, सूत्रों की माने तो काफी समय से दोनों दलों के रिश्ते मधुर नहीं चल रहे थे।
हालांकि यह ऐलान अकाली दल के लिए झटके से कम नहीं है। क्योंकि अभी तक पार्टी का किसी भी दल से समझाैता नहीं हुआ है। जबकि बसपा के साथ वह गठबंधन में थे, उससे उनकी राहे अलग हो गई है।
हालांकि अभी तक दोनों दलों के प्रदेश नेताओं का कोई बयान नहीं आया है। तीन कृषि कानूनों के चलते हुए संघर्ष के बाद भाजपा और शिअद की राहें गत विधानसभा चुनाव के समय अलग हो गई थी।इसके बाद अकाली दल और बसपा में गठबंधन हुआ था। दोनों दलों ने विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ा था जिसमें अकाली दल को तीन और बसपा को एक सीट मिली।
लेकिन काफी समय से दोनों के रिश्ते ठीक नहीं चल रहे थे। आरोप थे कि दोनों की मीटिंग तक नहीं हो रही है साथ ही अकाली दल द्वारा अपने प्रोग्रामों में बसपा नेताओं को शामिल तक नहीं किया जाता है।
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