पुरुषोत्तम पात्रा, गरियाबंद. गरियाबंद में पंचायत सचिव की घोर लापरवाही सामने आई है. पंचायत सचिव द्वारा एक बुजुर्ग की 7 माह का पेंशन रोककर अपने पास रख लिया है. इस मामले की शिकायत बुजुर्ग ने सीईओ से की, तब जाकर सीईओ ने मामले को गंभीरता लेते हुए कार्रवाई करने की बात कहीं. जिसके बाद पंचायत सचिव ने गलती स्वीकारते हुए बुजुर्ग की 7 माह की पेशंन राशि दे दी है. जनपद सीईओ ने मामले को गंभीर से लेते हुए सचिव के खिलाफ शोकॉज नोटिस भी जारी किया है.
मामला देवभोग विकासखंड का है. इस मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब खोकसरा पंचायत के आश्रित गांव खम्हारगुडा का
80 वर्षीय बुजुर्ग राधेलाल 20 किमी पैदल चलकर जनपद कार्यालय पहुंचा. राधेलाल ने जनपद सीईओ प्रदीप शर्मा से मुलाकात की, औऱ अपने साथ घट रही पूरी घटना की आप बीती बताई. जनपद सीईओ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पंचायत सचिव को तत्काल अपने कार्यालय में तलब किया.
पंचायत सचिव जुगराज नागेश ने को फटकार लगते ही अपनी गलती स्वीकार लिया. जिसके बाद बुजुर्ग की 7 माह की पेंशन तत्काल लौटा दी. हालांकि जनपद सीईओ ने मामले को गंभीर मानते हुए सचिव के खिलाफ शोकॉज नोटिस भी जारी किया है. साथ ही क्षेत्र में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृति रोकने के लिए विकासखंड के सभी सचिवों की एक बैठक लेकर इस तरह की लापरवाही नहीं करने के सख्त निर्देश दिये है. साथ ही चेतावनी भी दिया है कि इस तरह की घोर लापरवाही सामने आता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
इस मामले में पंचायत सचिव जुगराज नागेश ने बताया कि पिछले साल जुलाई माह में हितग्राही के खाते में दुगुनी राशि चली गई थी. 350 रुपए का प्रावधान था, लेकिन उसे 650 रुपए खाते में प्रति माह के दर से जा रहा था. पता चला तो कटौती कर भुगतान किया जा रहा था. हितग्राही कम राशि लेने से इंकार कर रहा था.