माले। मालदीव में तैनात अपने सैनिकों को भारत ने वापस बुलाने की तैयारी शुरू कर दी है. इस संबंध में भारत अगले महीने होने वाले उच्च स्तरीय कोर समूह की वार्ता के दौरान चर्चा के लिए तैयार है. इसे भी पढ़ें : छत्तीसगढ़ के नए डीजीपी के लिए स्वागत दास के नाम पर चर्चा, गृह मंत्री अमित शाह की टीम में कर रहे हैं काम…
बता दें कि मालदीव में दो एएलएच हेलीकॉप्टर, एक डोर्नियर और एक अपतटीय गश्ती जहाज (ओपीवी) तैनात हैं. इनके ऑपरेशन के लिए वहां भारतीय सैनिक भी मौजूद हैं. हालांकि, भारत ने अभी तक राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू सरकार की मांग पर आधिकारिक तौर पर प्रतिक्रिया नहीं दी है. राष्ट्रपति ने कहा है कि 17 मार्च को महत्वपूर्ण मजलिस चुनाव से दो दिन पहले 15 मार्च तक भारत अपने सैनिकों को वापस बुला ले.
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14 और 15 जनवरी को कोर ग्रुप की पहली बैठक में मालदीव के प्रतिनिधि अली नसीर ने मालदीव में भारतीय उच्चायुक्त मुनु महावर से 15 मार्च तक सैनिकों की जगह नागरिकों को भेजने के लिए कहा था. बातचीत के दौरान माले ने एकमात्र महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया, वह थी रक्षा कर्मियों की वापसी. भारत द्वारा वित्त पोषित और प्रबंधित ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट पर कोई चर्चा नहीं हुई.
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बता दें कि मालदीव में शुरू की गई यह सबसे बड़ी बुनियादी परियोजना है. इस परियोजना को भारत से 100 मिलियन डॉलर के अनुदान और 400 मिलियन डॉलर की क्रेडिट लाइन के तहत वित्त पोषित किया गया है. इस परियोजना में 6.74 किलोमीटर लंबे पुल और कॉजवे लिंक की परिकल्पना की गई है जो माले को विलिंग्ली, गुलहिफाल्हू और थिलाफुशी के निकटवर्ती द्वीपों से जोड़ेगा.
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