नई दिल्ली. घायल मरीज को इलाज के लिए एडमिट करने से इनकार के मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल द्वारा दो डॉक्टर को टर्मिनेट और दो को सस्पेंड करने के मामले में रेजिडेंट डॉक्टरों के संगठन ने सवाल उठाया और इस मामले में दिल्ली के एलजी से निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है.

मंगलवार को दिल्ली के रेजिडेंट डॉक्टरों का संगठन फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स असोसिएशन (FORDA) ने एक्स पर ट्वीट कर इस पर आपत्ति जताई और मामले की जांच की भी मांग की है.

फोर्डा के प्रेसिडेंट डॉ अविरल माथुर ने कहा कि चूंकि एक इंसान की मौत हुई है, इसलिए मामला गंभीर है. अगर डॉक्टर के लेवल पर गलती हुई है या फिर अस्पतालों में मौजूद सुविधाओं की कमी की वजह से हुई है, इसका खुलासा होना चाहिए. लेकिन बिना अच्छे से जांच किए इस तरह का फैसला सही नहीं है. इस आदेश से ऐसा लग रहा है कि सारी गलती रेजिडेंट डॉक्टरों की थी, जबकि जीटीवी जैसे अस्पताल में सीटी स्कैन जांच की सुविधा नहीं होना सबसे बड़ी कमी है. अगर यहां पर यह सुविधा होती तो शायद मरीज को यहीं पर इलाज मिल जाता. डॉक्टर माथुर ने कहा कि जब उस मरीज को एलएनजेपी में लाया गया तो यहां पर आईसीयू नहीं थी, यह कमी किसकी है. डॉक्टर की या सरकार की. जो भी हुआ गलत हुआ है. इसलिए हमारी मांग है कि एलजी इस मामले की जांच कराएं और फिर इस पर फैसला लिया जाए.