चंडीगढ़. लुधियाना में पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि राज्य के युवा न केवल “बेरोजगारी और कृषि संकट” के कारण, बल्कि “बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और ड्रग्स के प्रचलन” के कारण भी विदेश पलायन कर रहे हैं.

प्रोफेसर शालिनी शर्मा, अमित गुलेरिया और मंजीत कौर द्वारा लिखित ‘ओवरसीज माइग्रेशन फ्रॉम रूरल पंजाब: ट्रेंड्स , कॉसेस एंड कोंसेकुएंसेस’ शीर्षक वाला अध्ययन शनिवार को सार्वजनिक किया गया. यह 2021-2023 के दौरान अर्थशास्त्र और समाजशास्त्र विभाग द्वारा आयोजित किया गया था.

अध्ययन में कहा गया है कि प्रवासी सदस्यों वाले लगभग 42 प्रतिशत परिवारों के लिए, कनाडा पसंदीदा डेस्टिनेशन था, इसके बाद 16 प्रतिशत दुबई और 10 प्रतिशत के साथ ऑस्ट्रेलिया था. इसमें इस बात पर प्रकाश डाला गया कि इन परिवारों में से 72 प्रतिशत ने “कम आय”, “कम रोजगार” और “भ्रष्टाचार” को विदेशी प्रवास के लिए शीर्ष चालकों के रूप में बताया.

कम से कम 62 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि “खराब प्रशासन” और “प्रणालीगत समस्याओं” के कारण भी युवाओं को पंजाब छोड़ना पड़ा, जबकि 52 प्रतिशत का मानना था कि “नशीले पदार्थों का प्रचलन” पलायन का एक अतिरिक्त कारण था. कम से कम 51 प्रतिशत ने देश छोड़ने के कारणों में से एक के रूप में “गांवों में गुटबाजी” का हवाला दिया. अध्ययन में पाया गया कि केवल एक-चौथाई ने ऋण को प्रवासन का कारण बताया.

लेखकों ने ग्रामीण क्षेत्रों के लगभग 9,500 घरों से जानकारी एकत्र की और निष्कर्ष निकाला कि पंजाब के 13.34 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों में कम से कम एक सदस्य ने देश छाड़ा था.

प्रवासी सदस्यों वाले कुल परिवारों में से, लगभग 10 प्रतिशत सामान्य श्रेणी के थे, अधिकांश जाट सिख थे, अन्य 2 प्रतिशत अनुसूचित जाति के थे और 1.5 प्रतिशत पिछड़े वर्ग के परिवार थे. प्रवासियों वाले परिवारों में से, 10 प्रतिशत खेती के व्यवसायों में लगे हुए थे और 3 प्रतिशत से अधिक छोटे व्यवसाय, सेवा और श्रम जैसे गैर-कृषि व्यवसायों में लगे हुए थे.

अध्ययन किए गए प्रवासी सदस्यों वाले कुल परिवारों में से 73 प्रतिशत से अधिक प्रवासी 2015 के बाद विदेश चले गए थे, जिनमें से 18 प्रतिशत लोग COVID-19 महामारी के कारण लगाए गए प्रतिबंधों के बावजूद 2021 और सितंबर 2022 के बीच बाहर चले गए थे.

अध्ययन में कहा गया है कि “2016 से 2020 की अवधि के दौरान, प्रवासन ने पूरे पंजाब में पलायन का रूप ले लिया.” अध्ययन में प्रवासियों के लिंग और आयु और इन सदस्यों के विदेश प्रवास के लिए खर्च किए गए धन को भी देखा गया.