मनोज यादव, कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में 108 संजीवनी एक्सप्रेस की लापरवाही से एक युवक की मौत हो गई है. हुआ यूं कि करतला थाना क्षेत्र के अंतर्गत बताती गांव में एक युवक ने घर में भोजन नहीं मिलने से नाराज होकर जहर खा लिया. जिसके बाद मितान और परिजनों ने 108 पर फोन किया. मदद के लिए 108 एंबुलेंस तो पहुंची लेकिन 12 घंटे बाद तब तक युवक की मौत हो गई थी. ये कहना मृतक के परिजनों का है.

आपात स्थिति में मरीजों को घर से अस्पताल ले जाने और वापस छोड़ने के लिए सरकार ने नेशनल एंबुलेंस सर्विस की सुविधा शुरू की है जो देश भर में चल रही है. वहीं कोरबा जिले में जयस एजेंसी इसका क्रियान्वयन करने में लगी हुई है. लगातार सही समय पर एंबुलेंस के नहीं पहुंचने को लेकर शिकायतें आ रही है और इसके कारण पीड़ितों की जान पर संकट खड़ा हो रहा है. इसी चक्कर में करतला क्षेत्र के रहने वाले कुमार सानू की मौत हो गई. 19 वर्षी सानू अनुसूचित जनजाति परिवार से संबंध रखता है. घर पर भोजन नहीं मिलने से नाराज होकर उसने रात में जहर सेवन कर लिया.

12 घंटे बाद मदद के लिए पहुंची 108 एंबुलेंस

मामले में मृतक के भाई राजू ने बताया कि जहरीले पदार्थ का सेवन करने से उसकी स्थिति बिगड़ना शुरू हुई. घर के लोगों को घटना की जानकारी जैसे ही मिली तो उन्होंने अपने परिचितों को इससे अवगत कराया. जिसके बाद पीड़ित को अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस को फोन लगाया. रात्रि को 108 पर फोन करने और जानकारी देने के लगभग 12 घंटे बाद एंबुलेंस उनके घर पहुंची तब तक काफी देर हो चुकी थी. परिजनों ने बताया कि अगर समय पर एंबुलेंस पहुंचती तो कुमार सानू को बचाया जाना संभव हो सकता था.

इससे पहले भी कई अवसरों पर ऐसा हो चुका है. जब पीड़ित के लोगों की ओर से 108 पर कॉल करने और सहायता मांगने के काफी विलंब से एंबुलेंस की पहुंचे मौके तक हुई है. ऐसी स्थिति में पीड़ितों को अस्पताल ले जाने में अनावश्यक विलंब होता है और फिर पीड़ित की स्थिति गंभीर हो जाती है या फिर उन्हें दूसरे लोक गमण करना पड़ जाता है. पूरे मामले प्रशासन के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की जानकारी में है. इन सब के बावजूद सेवाओं में सुधार नहीं आ पाना अत्यंत चिंताजनक है.

वहीं इस मामले पर 108 के डिस्टिक कोऑर्डिनेटर शिवशन कुमार ने बताया कि 108 को सुबह 7:20 में इवेंट प्राप्त हुआ था. इसके बाद तत्काल मौके के लिए रवाना हुई और पीड़ित को जिला मेडिकल कॉलेज में लाकर भर्ती कराया गया. उनके द्वारा इससे पहले किसी तरह का फोन नही किया है. 108 को जैसे ही सूचना मिलती है वह अपने गंतव्य के लिए रवाना हो जाती है ताकि समय रहते जान बचाई जा सके.