मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके ने आज राज्य कन्वेंशन सेंटर, शिलांग, मेघालय में उत्तर पूर्वी परिषद (एनईसी) की 71वीं पूर्ण बैठक में भाग लिया. बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की. बैठक में केंद्रीय डोनर मंत्री जी किशन रेड्डी, राज्य मंत्री डोनर, बीएल वर्मा, उत्तर पूर्वी राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे. संवाद सत्र के दौरान अनुसुइया उइके ने केंद्रीय गृह मंत्री और उत्तर-पूर्व परिषद के अध्यक्ष अमित शाह को हार्दिक शुभकामनाएं दीं और उत्तर के सामाजिक-आर्थिक विकास में निरंतर समर्थन और मार्गदर्शन के लिए केंद्र सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया.

राज्यपाल ने बताया कि कई लोग इस समय राहत शिविरों में रह रहे हैं और उन्हें उनके घर भेजे जाने की जरूरत है. उन्होंने उन लोगों को तत्काल राहत राशि/अंतरिम राहत राशि देने की आवश्यकता पर बल दिया, जिनकी संपत्तियों को नुकसान हुआ है. उइके ने पीड़ितों को प्राथमिकता से स्वरोजगार एवं आवास उपलब्ध कराने का सुझाव दिया. उन्होंने यह भी कहा कि व्यापार और व्यवसाय को बढ़ाने के लिए राजमार्गों को सुरक्षित करना होगा. उन्होंने कहा कि पोस्ता की खेती के विकल्प के रूप में राज्य में चाय बागान विकसित किए जा सकते हैं, क्योंकि इससे पोस्ता की खेती करने वालों को वैकल्पिक व्यवसाय मिलेगा.

पूर्वोत्तर राज्यों के लिए राज्यपाल ने सुझाव दिया कि सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए विकास कार्यों की राशि से कर्मचारियों को वेतन देने की स्थिति बन जाती है, जिसे समाप्त करने के लिये उन्होंने कहा कि इससे बचने के लिए राज्य को अनुदान के रूप में एकमुश्त राशि दी जानी चाहिए, ताकि इसका उपयोग आवश्यकता के अनुसार वेतन भुगतान के लिए किया जा सके. मणिपुर को देश में खेलों का पावरहाउस कहा जाता है. राज्यपाल अनुसुइया ने आग्रह किया कि खिलाड़ियों के लिए प्रशिक्षण, प्रोत्साहन और खेल सुविधाएं बढ़ाई जानी चाहिए, क्योंकि राज्य में जन्मजात खेल प्रतिभाएं हैं.

राज्यपाल ने कहा कि मणिपुर प्राकृतिक और पर्यावरण की दृष्टि से समृद्ध राज्य है और ऐसे में वहां पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि मणिपुर की कला, संस्कृति और हस्तशिल्प उच्च गुणवत्ता वाले हैं, जिनका उपयोग रोजगार, व्यापार और व्यवसाय बढ़ाने के लिए किया जा सकता है. उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्रीय नेताओं के सहयोग से राज्य निकट भविष्य में विकास और शांति के पथ पर वापस आ जाएगा.

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