एक जमाने में स्टेटस सिंबल कहलाने वाला मोबाइल अब स्टेटस सिंबल तो नहीं रहा बल्कि अब वह हर किसी की जरुरत बन गया है. एक तरह से जिंदगी का हिस्सा बन गया है. मोबाइल ने लोगों के बीच की दूरियों को कम कर दिया है. अब पलक झपकते ही आप विश्व के किसी भी कोने में बैठे व्यक्ति से सीधे बात कर सकते हैं. ना सिर्फ उस व्यक्ति से बात कर सकते बल्कि अब उससे आमने सामने एक दूसरे को देखते हुए भी बात की जा सकती है. इसके अलावा स्मार्टफोन से इंटरनेट के माध्यम से आप घर बैठे दुनिया की किसी भी चीज की जानकारी ले सकते हैं. लोगों को इन नए जनरेशन से जोड़ने के लिए छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने संचार क्रांति योजना की शुरुआत की. इस योजना के माध्यम से वे सूबे के 56 लाख से ज्यादा महिलाओं और छात्रों को मुफ्त बांट रहे हैं. आईये देखते हैं संचार क्रांति योजना ने लोगों के जीवन में किस तरह का परिवर्तन लाया है.
तख़तपुर विकासखंड मुख्यालय सहित आस पास के ग्रामीण क्षेत्रो में संचार क्रांति योजना के तहत महिला हितग्राहियों को मोबाइल फोन मिलने से खुशियों का माहौल है. ग्रामीणों के सपने साकार होने के साथ ही गांव के अंतिम छोर के व्यक्ति तक योजना सरकार की यह योजना पहुंच रही है. इस योजना के माध्यम से ग्रामीणों को हाई स्पीड 4 जी स्मार्ट फोन बांटा जा रहा है. मोबाइल फोन ग्रामीणों के जीवन में कई तरह से बदलाव ला रहा है. मोबाइल नहीं होने से ग्रामीणों को समय पर इलाज मुहैया नहीं हो पाता था जिसकी वजह से कई बार लोगों की हालत बेहद गंभीर हो जाती थी. अब ग्रामीण एक फोन कर 108 एंबुलेंस और 102 महतारी एक्सप्रेस की सेवा ले पा रहे हैं. वहीं सरकार की योजनाओं की जानकारी अब सीधे उन्हें मोबाइल पर मिल जा रही है. जनप्रतिनिधियों का कहना है कि संचार क्रांति योजना ने ग्रामीण परिवारों को सरकार की विकास योजनाओं से सीधा जोड़ दिया है. वे सरकार की इस योजना को मील का पत्थर बता रहे हैं.
ग्राम पांड में रहने वाली 38 वर्षीय गीता कुर्रे 6 वीं कक्षा तक ही पढ़ाई की हैं. वे घर की जिम्मेदारी संभालती ही हैं साथ ही खेतों में मजदूरी कर परिवार की आर्थिक सहायता में हाथ भी बंटाती हैं. मोबाइल मिलने से गीता बेहद खुश हैं. हालांकि उन्हें मोबाइल चलाना नहीं आता है. लेकिन उन्हें इसकी उपयोगिता के बारे में जानकारी जरुर है. अब वे मोबाइल से अपने रिश्तेदारों से बात कर लेती हैं.
गीता की तरह ही सुमिन्त्रा ठाकुर भी गृहिणी हैं, वे भी घर संभालने के साथ ही खेतों में पति की मदद करती हैं. मोबाइल मिलने के बाद से परिवार में खुशियों का माहौल है. वे अब हर रोज किसी न किसी रिश्तेदारों से बात कर पाती हैं पहले महीने में कभी कभार ही किसी से बात हो पाती थी. बेटी रूबी ठाकुर पढ़ाई करती हैं वे भी मोबाइल मिल जाने के बाद खुश हैं वो मां को मोबाइल का किस तरह से उपयोग किया जाता है वो उन्हे सिखाती हैं. रूबी कहती हैं कि अब इंटरनेट के जरिए वे बेहतर पढ़ाई कर पा रही हैं. इंटरनेट में उच्च स्तर की पाठ्य सामग्री है. साथ ही मोबाइल अब उनके घर में मनोरंजन का एक साधन भी हो गया है.
45 वर्षीय राजकुमारी कौशिक स्वयं सेवी समूह संचालित करती हैं और स्कूल में मध्यान्ह भोजन बनाने का कार्य भी करती हैं. संचार क्रांति योजना के तहत मोबाइल मिलने से अब वे अपने समूह की महिलाओं से बात करती हैं. मोबाइल मिलने की वजह से अब उन्हें समूह के कार्यों को पहले से बेहतर तरीके से वे संचालित कर पा रही है. साथ ही उन्हें सरकार की सारी योजनाओं की भी जानकारी आसानी से मिल जा रही है.
गीता, सुमिन्त्रा, राजकुमारी की तरह उर्वशी कौशिक, पुष्पा राजपूत को स्काई योजना के तहत मोबाइल फोन मिला है. वे सरकार की इस योजना को महिलाओं के लिए अच्छी योजना बता रही हैं. अब वे भी वीडियो कॉलिंग के माध्यम से रिश्तेदारों से बात कर लेती हैं. पुष्पा की बेटी रजनी मोबाइल से यूट्यूब के माध्यम से वीडियो और गाने देखती सुनती हैं.
निश्चित ही रमन सरकार की योजना से एक बड़ा परिवर्तन आया है, अब ग्रामीण महिलाएं भी स्मार्ट फोन मिल जाने से स्मार्ट होती जा रही हैं. वे अपने रिश्तेदारों से ना सिर्फ बातचीत करती हैं बल्कि वीडियो कालिंग का भी इस्तेमाल कर दूर रह रहे उन लोगों को देख पा रही हैं जिनसे मिले उन्हें कई महीने गुजर गए हैं.
SPONSORED