Rajasthan News: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि सभी के लिए सहज और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करवाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। शहरी सहित ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में भी समुचित सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जमीनी स्तर पर जानकारियां जुटाकर विद्यालयों तथा आंगनबाड़ियों के सुदृढ़ीकरण की योजनाएं तैयार करें, ताकि उनके बेहतर परिणाम सामने आ सकें।
मुख्यमंत्री रविवार को ओटीएस स्थित मुख्यमंत्री निवास पर स्कूल शिक्षा विभाग की 100 दिवसीय कार्ययोजना के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा में सुधार अनवरत चलने वाली प्रक्रिया है। अधिकारी यह प्रयास करें कि विद्यार्थियों और जनता के हित में बेहतर योजनाएं तैयार कर क्रियान्वित की जाएं। सीएम ने कहा कि राजस्थान की भौगोलिक परिस्थितियां अन्य राज्यों से अलग है। प्रदेश में गांव-ढ़ाणियां दूर-दराज के क्षेत्रों तक विस्तृत हैं। इन दूर-दराज क्षेत्र के विद्यालयों में भी आवश्यकतानुसार पर्याप्त शिक्षकों की व्यवस्था की जाए ताकि कोई भी शिक्षा से वंचित नहीं रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर अन्य राज्यों की तुलना में अच्छा है। इसे और अधिक बेहतर बनाने पर फोकस करना होगा। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के लिए शैक्षिक टूर आयोजित किये जाएं। इससे उन्हें काफी कुछ नया सीखने को मिलेगा और उनके पारस्परिक सम्बन्ध भी मजबूत होंगे। श्री शर्मा ने कहा कि प्रत्येक शनिवार को होने वाले ‘नो बैग डे’ के लिए पूर्व से ही रूपरेखा तय होनी चाहिए कि इस दिन विद्यार्थियों को क्या सिखाया जाएगा। उन्होंने ‘नो बैग डे’ पर विद्यार्थियों को महापुरूषों और संविधान के साथ ही अलग-अलग विषयों की जानकारी देने की आवश्यकता जाहिर की ताकि उनके जीवन की दिशा तय हो सके। वहीं, मुख्यमंत्री ने व्यावसायिक शिक्षा पाठ्यक्रम में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना, वोकल फॉर लोकल और राज्य के विभिन्न स्थलों के सुप्रसिद्ध उत्पादों की जानकारी के समावेश के भी निर्देश दिए।
बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पाठ्य पुस्तक मंडल द्वारा सही तरह से आंकलन के बाद ही पुस्तकों का प्रकाशन किया जाए। मुख्यमंत्री ने निजी विद्यालयों के नियमित निरीक्षण करने, गाइडलाइन बनाने और उनकी प्रभावी मॉनिटरिंग के निर्देश दिए। सीएम ने नवीन नियुक्तियों से पूर्व किये जाने वाले दस्तावेज सत्यापन के लिए निदेशालय में अलग से विंग बनाने पर जोर दिया। साथ ही, फर्जी दस्तावेजों से नियुक्ति पाने के प्रयास करने वाले अभ्यर्थियों पर कड़ी कार्रवाई के अलावा बोर्ड परीक्षाओं के दौरान समुचित मॉनिटरिंग की व्यवस्था के भी निर्देश दिए।
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