पुणे. अक्सर गरीबी औऱ गुरबत में बच्चे या तो दुकानों पर मजदूरी करने लगते हैं या फिर गलत संगत में पड़कर बाकी की जिंदगी तबाह कर लेते हैं. गरीब किसानों औऱ उनके परिवारों की न तो सरकार सुनती है औऱ न ही प्रशासन. इन गरीब, लाचार औऱ परेशान किसानों के बच्चों को बेहतर जिंदगी जीने का हौसला सिखाता है, एक नौजवान. नाम है अशोक देशमाने.

महाराष्ट्र के सूखाग्रस्त परभनी जिले के मंगरोल गांव से ताल्लुक रखने वाले अशोक का बचपन बेहद कठिनाई में बीता. साधारण किसान को पानी न होने की वजह से किन दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, अशोक को बेहतर पता था. अपनी हिम्मत औऱ हौसले से अशोक ने विप्रो जैसी जानी मानी कंपनी में सम्मानित नौकरी और अच्छा पैकेज हासिल किया. इन सबके बावजूद अशोक को सूखे से पीड़ित अपने गांव औऱ खेती न होने के कारण उस गांव के बच्चों के भविष्य औऱ उनकी दुश्वारियों का अंदाजा बखूबी था. वो उन बच्चों के लिए कुछ सार्थक करना चाहते थे.

अशोक की जिंदगी में उस वक्त बड़ा बदलाव आया जब वे मशहूर समाजसेवी डा. प्रकाश आम्टे से मिले. उन्होंने अब सूखा पीड़ित इलाके के किसानों के साधनहीन बच्चों की शिक्षा औऱ लालन-पालन का जिम्मा उठाने का फैसला लिया औऱ एक ट्रस्ट ‘स्नेहवन’ की स्थापना की. पैसे की तंगी एक बड़ी वजह थी जो अशोक के हौसलों की परीक्षा ले रही थी लेकिन बिना परवाह किए अशोक ने अपना मिशन जारी रखा औऱ महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों से 18 जरूरतमंद बच्चों की पढ़ाई-लिखाई औऱ पालन का जिम्मा उठाया आज उनके स्नेहवन में दो दर्जन से भी ज्यादा बच्चे हैं.

अशोक के इस शानदार काम में उनकी पत्नी अर्चना का भी योगदान कम नहीं है. बिना कोई शिकायत किए अर्चना बच्चों की हर सुख-सुविधा का ख्याल रखती हैं औऱ एक ममतामयी मां की तरह बच्चों का पूरा ख्याल रखती हैं. अशोक स्नेहवन की सफलता का पूरा श्रेय अपनी पत्नी अर्चना को देते हैं. जो बिना थके औऱ परेशान हुए बच्चों का 24 घंटे ख्याल रखती हैं.

आज अशोक औऱ अर्चना का ये स्नेहवन बेहतर जिंदगी की उम्मीद खो चुके बच्चों के लिए किसी आशा की किरण से कम नहीं है. पुणे के भोसारी इलाके में नन्हे-मुन्नों पर बेपनाह स्नेह की वर्षा करता अशोक औऱ अर्चना का ये स्नेहवन औऱ इसका काम समाज में खूब सराहा जा रहा है. लोग अपने-अपने तरीकों से स्नेहवन की मदद कर रहे हैं. अगर आप भी अशोक देशमाने के इस स्नेहवन को मदद करना चाहते हैं तो इसकी वेबसाइट पर जाकर उन्हें मदद कर सकते हैं या उनकी हौसला आफजाई कर सकते हैं. हम अशोक औऱ अर्चना के इस पुनीत औऱ महान काम के लिए ढेर सारी शुभकामनाएं देते हैं. उम्मीद करते हैं कि स्नेहवन की छांव में होनहारों की एक पीढ़ी खड़ी हो और अशोक के प्रयासों को सार्थक करे.