Ram Mandir:
महाराष्ट्र की लकड़ी से लेकर गुजरात के सिंहासन तक, जानिये किस राज्य से क्या आया...
500 साल का लंबा इंतजार आखिर कार आज खत्म हो गया
विधि विधान और मंत्र उत्तरण के साथ भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा की विधि पूरी हुई
चलिए जानते है कि, भगवान राम के लिए किस राज्य से क्या आया है...
राम मंदिर के निर्माण में राजस्थान के नागौर के मकराना का इस्तेमाल हुआ है.
मकराना के मार्बल से ही राम मंदिर के गर्भगृह में सिंहासन बनाया गया है.
भगवान श्रीराम के सिंहासन पर सोने की परत चढ़ाई गई है.
गर्भगृह,फर्श और पिलर को बनाने में भी मकराना मार्बल का इस्तेमाल हुआ है.
मंदिर में देवताओं की नक्काशी कर्नाटक के चर्मोथी बलुआ पत्थर पर की गई है.
प्रवेश द्वार की भव्य आकृतियों में राजस्थान के बंसी पहाड़पुर के गुलाबी बलुआ पत्थर का इस्तेमाल किया गया है.
गुजरात की तरफ से 2100 किलोग्राम की अष्टधातु घंटी दी गई है.
गुजरात के अखिल भारतीय दरबार समाज द्वारा 700 किलोग्राम का रथ भी उपहार स्वरूप दिया गया है.
भगवान श्रीराम की मूर्ति बनाने के लिए काला पत्थर कर्नाटक से आया है.
अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा ने नक्काशीदार लकड़ी के दरवाजे और हाथों से बनीं फैब्रिक्स आई हैं.
मंदिर निर्माण के लिए उपयोग ईंट लगभग 5 लाख गांवों से आई थीं
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