छत्तीसगढ़ में संचार क्रांति योजना के तहत गांव-गांव में सरकार की ओर से स्मार्ट फोन का वितरण किया जा रहा है. महिलाओं को सूचना तकनीक से जोड़ने का काम सरकार बखूबी कर रही है. ग्रामीण महिलाएं फोन मिलने के बाद सरकार धन्यावद कहते हुए नहीं थक रही है. खास तौर पर इस योजना का बड़ा लाभ ग्रामीण क्षेत्रों की छात्राओं को हो रहा है. क्योंकि कई बार सूचना के अभाव में कई असवरों का लाभ उठाने से चूक जाती हैं. ऐसे में स्मार्ट फोन इनके लिए आज सबसे अच्छा माध्यम बन रहा है. संचार क्रांति योजना ने राज्य की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का काम किया है. जिन महिलाओं ने घर की चारदिवारी के बाहर दुनिया नहीं देखी, जिनकी दुनिया ही परिवार और किचन तक सीमित थी उन महिलाओं को स्मार्ट बनाने का बीड़ा उठाया है प्रदेश की रमन सरकार ने. गृहणी से अब स्मार्ट गृहणी बनी रही हैं महिलाएं. जो महिलाएं खुद का व्यव्साय करती हैं उनके लिए फोन किसी बड़ी उप्लब्धि से कम नहीं. क्योंकि फोन से अब वो अपना व्यव्साय कर रहीं. 

भरत भूषण, विधि अग्निहोत्री । छिंद गांव की रहने वाली कौशल्या को भी संचार क्रांति योजना के तहत स्मार्ट फोन मिला है. कौशल्या एक गृहणी है परिवार के कुछ लोगों के पास फोन था, लेकिन कौशल्या के पास खुद का फोन नहीं था, किसी से बात करनी होती तो परिजनों के घर आने का इंतेजार करना पड़ता. अब जब से कौशल्या के हाथों में स्मार्ट फोन आया है उसकी खुशी का ठिकाना ही नहीं है कौशल्या सारे रिश्तेदारों को फोन कर बता रही और अपना नंबर देकर कह रही की ये उसके खुद के फोन का नंबर है. बस क्या अब तो बातचीत का सिलसिला चल पड़ा है. जब भी किसी से कुछ काम होता, या हालचाल जानना होता है तो कौशल्या झट से अपना फोन निकालती है और फोन लगा लेती हैं अब बात करने के लिए किसी से कहने या किसी का इंतेजार करने की जरूरत नहीं. कौशल्या धीरे-धीरे स्मार्ट फोन चलाना भी सीख रही है. वो फोन लगा लेती है, वीडियो कॉल कर लेती है, इंटरनेट चलाना भी सीखना चाहती है. कौशल्या ने साबित किया की सीखने की कोई उम्र नहीं होती.

वहीं निजी अस्पताल में नर्स काम करने वाली रोशनी साहू को भी स्मार्ट फोन मिला है रोशनी निम्न वर्ग से आती है परिवार के आर्थिक हालात भी बहुत ज्यादा अच्छे नहीं हैं. मासिक आमदनी इतनी हो जाती है कि घर चलाने में सहयोग कर लेती हैं. की रोशनी साहू रमन सरकार को धन्यवाद कहती है. रोशनी इस बात से बेहद खुश हैं कि उन्हें सरकार की ओर आर्थिक तंगी की बीच बड़ी मदद स्मार्ट फोन के रूप में मिली है. रोशनी आज स्मार्ट फोन के जरिए सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी ले रही है. फोन पर वह सिर्फ बात नहीं करती बल्कि वह इसे सूचना तकनीक के तौर पर उपयोग कर रही हैं.

मेम बाई भी सरकारी फोन पाकर बेहद खुश है. मेमबाई गांव में सिलाई कढ़ाई का काम करती है और सिलाई कढ़ाई करके घर का खर्च चलाती है 10वीं तक ही पढ़ी हैं और कोई काम भी नहीं आता लिहाजा सलाई कढ़ाई करके परिवार की जिम्मेदारी उठा रही है. इनके लिए फोन लेना एक सपने की तरह था जो कभी पूरा ही नहीं हो सकता था. सिलाई कढ़ाई करके इतने पैसे नहीं मिलते की एक स्मार्ट फोन खरीद सकें. जब फोन करना होता तो पड़ोसियों से फोन मांग लिया करती. अब सरकार की तरफ से स्मार्ट फोन मिल जाने से मेम बाई किसी की मोहताज नहीं है. और यह सब संभव हो पाया रमन सरकार की वजह से, जिसने लाखों परिवारों को फोन देकर उनकी जिदगियां बदली.

22 साल की यशोदा बीएससी की पढ़ाई कर रही है. पारिवारिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं कि यशोदा स्मार्ट फोन अपने लिए खरीद पाती. लेकिन रमन सरकार की संचार क्रांति योजना के तहत अब उनके पास स्मार्ट फोन है. स्मार्ट फोन मिलने से वह इंटरनेट के माध्यम विभिन्न जानकारी ले पा रही हैं.

वहीं स्मार्ट फोन के वितरण में लगे अधिकारी और कर्मचारी भी सरकार की योजना के बेहतर क्रियान्वयन में लगे हैं. गांव के लोगों को डिजिटल युग से जोड़ने की सरकार की कोशिश से गांव वाले बेहद खुश हैं. अमीर और गरीब तबके बीच की दूरियां इस योजना के तहत मिट रही है.

रायगढ़ जिले का सारंगगढ़ इलाका भी अब डिजिटल क्षेत्र के तौर पर तब्दील हो रहा है. हर हाथ स्मार्ट फोन की पहुँच है. गांव-गांव में संचार क्रांति ने दस्तक दे दी है.

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