दिल्ली के एक सरकारी स्कूल में 12 साल के बच्चे की सीनियर छात्रों ने बेरहमी से पिटाई कर दी जिससे उसकी मौत हो गई. अब इस मामले पर दिल्ली सरकार ने सख्त रवैया अपनाते हुए दांच के आदेश दे दिए हैं. सरकार ने समिति को दो दिन के अंदर घटना को लेकर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है.

इस मामले में दिल्ली सरकार की तरफ से भी बयान सामने आया है. सरकार का कहना है कि यह बेहद दुखद घटना है. एक परिवार ने अपने घर का चिराग खो दिया. मृतक छात्र के परिजनों के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं. उधर, मृतक छात्र के दादा विनोद शर्मा ने कहा कि हमारा पोता फाइटर पायलट बनना चाहता था. लेकिन अब हमारे सभी सपने टूट गए. हमें उसका शव पोस्टमार्टम के बाद मंगलवार को मिला. अब हम उसका अंतिम संस्कार करके गांव लौट जाएंगे.

पीड़ित परिवार का आरोप है कि घटना स्कूल के अंदर हुई. हालांकि, दिल्ली सरकार का कहना है कि घटना स्कूल परिसर के बाहर हुई थी. एक सरकार ने बयान में कहा, ‘कथित घटना स्कूल परिसर के बाहर हुई, क्योंकि माता-पिता ने सीसीटीवी फुटेज की मांग की थी, जिसका पता चल गया है.’ बयान में आगे कहा गया है कि दिल्ली सरकार सकारात्मक मानसिक स्थिति को बढ़ावा देने और किसी भी संभावित अप्रत्याशित घटना को रोकने के लिए छात्रों की काउंसिलिंग करने सहित आवश्यक कदम उठा रही है.

इसी के साथ परिवार ने कहा कि हम लोग बच्चे के स्कूल कई बार गए. हमें कहा गया कि इस मामले में सख्त एक्शन लिया जाएगा. लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. बच्चे के दादा ने कहा, ‘हम अपने बच्चों को अच्छा इंसान बनने के लिए स्कूल भेजते हैं. हमारे बच्चे की देखभाल करना स्कूल के शिक्षकों और प्रिंसिपल की जिम्मेदारी थी.’

घटना 11 जनवरी को घटित हुई और 20 जनवरी को इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई. मृतक के पिता ने आरोप लगाया कि स्कूल में सीनियर्स ने उनके बेटे के साथ मारपीट की, जिससे उसके पैर में गंभीर चोटें आईं. वहीं सरकारी सर्वोदय बाल विद्यालय, ललिता ब्लॉक, शास्त्री नगर के प्रमुख जय प्रकाश ने पूरी घटना पर चुप्पी साध ली. वहीं पुलिस का कहना है कि मेडिकल बोर्ड ने मंगलवार को छठी क्लास के छात्र का पोस्टमार्टम किया है.

पुलिस उपायुक्त (उत्तर) मनोज मीना ने कहा, ‘हम पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं. रिपोर्ट के निष्कर्षों के आधार पर हम आगे की कानूनी कार्रवाई करेंगे.’ वहीं पीड़िता के पिता ने स्कूल और अस्पताल दोनों पर लापरवाही का आरोप लगाया. परिवार के अनुसार, 11 जनवरी की घटना के बाद वे घायल लड़के को तत्काल चिकित्सा के लिए अस्पताल ले गए, फिर आगे के इलाज के लिए एक क्लिनिक में ले गए और आखिर में वापस अस्पताल ले गए जहां उसने दम तोड़ दिया. परिवार ने चिकित्सकीय लापरवाही का भी दावा किया.