नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आज बड़ा फैसला लिया गया. कोयला से गैस बनाने पर केंद्र सरकार 8500 करोड़ रुपए देगी और इसके लिए कोल इंंडिया लिमिटेड और गेल दोनों साथ मिलकर काम करेंगे. केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, कोयला का खदान 361 मिलियन टन है और यह करीब 125 साल तक की जरूरत पूरी कर सकता है. जोशी ने यह भी बताया कि कोयला खनन को खत्म नहीं कर सकते हैं.

प्रल्हाद जोशी ने कहा, आज कोयला विभाग और कोयला के इतिहास में एक बहुत बड़ा महत्वपूर्ण निर्णय कैबिनेट ने पीएम मोदी के नेतृत्व में लिया है. कोयला खनन में भारत दुनिया में सबसे बड़ा देश है. कोयल का 80% इस्तेमाल बिजली उत्पादन के लिए होता है. 2025-26 में कोयला का निर्यात बंद कर देंगे, सिर्फ कुछ प्लांट के लिए यह जारी रहेगा.

इससे पहले केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई, लेकिन कैबिनेट बैठक की शुरुआत में ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कैबिनेट के सदस्यों की ओर से पीएम मोदी का प्राण प्रतिष्ठा के सफल आयोजन पर आभार व्यक्त किया. केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, “यह अवसर शताब्दियों के बाद आया है. बरसों के इंतजार के बाद आया है. 22 जनवरी को पीएम मोदी ने बोला था नीति भी है नियति भी है और आज हम राजनीतिक दृष्टि से नहीं, आध्यात्मिक दृष्टि से कह सकते हैं कि भारत के सनातनी प्रवाह मर्यादा पुरुषोत्तम राम के प्राण प्रतिष्ठा के लिए नियति ने आपको चुना है. वास्तव में राम भारत के नियति हैं और नियति के साथ वास्तविक मिलन तो 22 जनवरी को हुआ.

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