शिखिल ब्योहार, भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव आज रवींद्र भवन में नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में शामिल हुए। जहां सीएम ने MPPSC में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौंपा। कार्यक्रम में उन्होंने अभ्यर्थियों से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने अपने राजनीतिक करियर को लेकर कई बड़े खुलासे किए।

दरअसल, अभ्यर्थी अंकित चौबे ने सीएम से पूछा कि जिंदगी में दोस्तों का अहम योगदान होता है। आपकी राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका किसकी रही है? इसके जवाब में सीएम ने कहा कि हमारे काम के अपने तरीके हैं। कॉलेज लाइफ से छोटी होटल से काम शुरू किया। फिर छात्र राजनीति में आया। होटल में काम करने के साथ-साथ राजनीति और पढ़ाई की। दोस्तों की मदद मिली। वह मित्र आज भी मदद करते हैं। सहायता करने वाले लोग होने ही चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि कोई भी काम करें ईमानदारी से करें।100 बार सोचें फिर पहला कदम उठाएं। जिनसे गलती हुई उन्हें मांफ करें। दोस्ती कभी बदलती नहीं है। जीवन जो नजदीक आ रहा है, उसे निभाने की ताकत ही सफलता की निशानी है।

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काम की गंभीरता का अहसास होना जरूरी

आरुषि साहू ने सवाल किया कि ‘लोकसेवा के क्षेत्र में तीन अनुभव बताएं जिन्हें ध्यान रखना जरूरी है।’ इस पर सीएम ने कहा कि काम की गंभीरता का अहसास होना जरूरी है। जाने अंजाने में भी गलती नहीं हो यह प्रयास जरूरी है। आप कोई भी विभाग में हों उसके दायरे से भी बाहर देखें। काम टालने की प्रवृत्ति नहीं होना चाहिए।

सबसे बड़ी बात अहंकार नहीं होना चाहिए

सीएम ने एसडीएम द्वारा महिला से जूते के फीते बंधवाने के मामले में कहा कि इसके कई पहलू हो सकते हैं। वे बीमार या झुक नहीं सकते होंगे। कोई दिक्कत हो सकती हैं। लेकिन पब्लिक की नजर से ये सही नहीं। इसलिए उन्हें हटाया भी गया है। सबसे बड़ी बात है कि अहंकार नहीं होना चाहिए

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सभी विभाग अपनी सही भूमिका निभाएं

एक अभ्यर्थी ने प्रदेश के विकास को लेकर प्राथमिकताएं के संबंध में सवाल किया। इस पर सीएम ने कहा कि प्रदेश का विकास सिर्फ एक सेक्टर से नहीं हो सकता। पंडित दीनदयाल के मार्ग पर चलना सही होगा। अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचाना होगा। सभी विभाग अपनी सही भूमिका निभाएं तभी विकास होगा।

असफल होना कोई बड़ी बात नहीं

स्ट्रेस मैनेजमेंट से संबंधित सवाल पर सीएम ने कहा कि नौकरी करना मेरे स्वभाव में नहीं है। समाज की सेवा करना ही उद्देश्य है। पहले अपना आकलन करना जरूरी है। जो मन कहे, अंदर की आत्मा बोले, उनके साथ न्याय करें। फिर दिक्कत नहीं होगी।परीक्षा दें। तैयारी के साथ दें। असफल होना कोई बड़ी बात नहीं।

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नवाचार को अपने कार्य पद्धति में शामिल करें

सीएम डॉ मोहन यादव ने अपने संबोधन में कहा कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से सुशासन की स्थापना हुई है। राम राज्य ही सुसाशन है। सीएम ने अभ्यर्थियों से कहा कि आप भी राम राज्य की सेवा करेंगे। ये आपका अंतिम पड़ाव नहीं है। आगे भी बढ़ते रहिए। शासन स्तर पर मैं भी आपकी मदद करूंगा। बाबा महाकाल से आपके लिए प्रार्थना करूंगा कि आप अपने लक्ष्य न भूलें। आप पीएम मोदी से भी सीखिए। नवाचार को अपने कार्य पद्धति में शामिल करें।

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