☄ जोगी का केंद्र सरकार को 15 अगस्त तक का अल्टीमेटम
☄ नगरनार के विनिवेश के फैसले से आजादी नहीं मिली तो बस्तर से लोहा बाहर नहीं जाने देंगे
☄बस्तरवासियों के समर्थन से जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) का ऐतिहासिक ‘‘बस्तर बंद’’ पूर्णतः सफल।
☄ जकांछ के वरिष्ठ नेता धरमजीत सिंह के नेतृत्व में जगदलपुर से नगरनार तक निकली रैली।
रखी पांच मांगें।
रायपुर/ जगदलपुर। जगदलपुर बस्तर के नगरनार इस्पात संयंत्र के निजीकरण के विरोध में सोमवार को जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) की ओर से बुलाये गए ‘‘बस्तर बंद’’ को ऐतिहासिक जन समर्थन मिला, बस्तर पूर्णतः बंद रहा । इस अवसर पर पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष एवं छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने राजधानी रायपुर से एक वीडियो सन्देश के माध्यम से कहा कि मैं, मेरे बस्तरवासियों का बहुत-बहुत आभारी हूँ जिन्होंने केंद्र सरकार के जनविरोधी निर्णय के विरुद्ध हमारे बंद का समर्थन किया । जोगी ने केंद्र सरकार को चेताते हुए कहा कि बस्तर, अब और अन्याय और अत्याचार नहीं सहेगा। मैं केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारों को चेतावनी दे रहा हूँ कि, अगर अगले महीने 15 अगस्त तक नगरनार इस्पात संयंत्र को निजीकरण के जनविरोधी फैसले से आजादी नहीं मिली तो हम हमारे बस्तर का लोहा बाहर नहीं जाने देंगे। जोगी ने बस्तरवासियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ का हर एक कार्यकर्ता, रेल पटरी पर लेट जाएगा, बस्तर के लिए अपनी जान दे देगा, लेकिन नगरनार इस्पात संयंत्र को निजी हाथों में नहीं जाने देगा, छत्तीसगढ़ की खनिज संपदा को लूटने नहीं देगा।
अजीत जोगी ने कहा कि मुख्यमंत्री रहते हुए, उन्होंने बस्तर के और बस्तरवासियों के उज्जवल भविष्य के लिए नगरनार में इस्पात संयंत्र की कल्पना की थी और उसकी स्थापना की थी। लेकिन दिल्ली ने बस्तरवासियों को केवल छला और उनके साथ विश्वासघात किया है । जोगी ने कहा कि बस्तरवासियों ने अपनी जमीन सरकारी संयंत्र लगाने के लिए दी थी न की बस्तर की संपदा को निजी हाथों में लुटाने के लिए। उन्होंने कहा कि पंद्रह सालों में मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, बस्तर में एक प्लांट नहीं लगा पाए, उल्टा जो मैंने लगाया उसका भी निजी हाथों में सौदा करने केंद्र की मदद कर रहे हैं। रमन सिंह, पहले छत्तीसगढ़ की जनता को बताएं कि वो दिल्ली के हितैषी हैं या बस्तर के ? जोगी ने कहा कि जमीन बस्तर की, लोहा बस्तर का और नौकरी बस्तरवासियों को न देकर दूसरे राज्य के लोगों को दी जा रही है। छत्तीसगढ़ की खनिज संपदा का फायदा छत्तीसगढ़ को ही नहीं मिल रहा है। सब कुछ बाहर जा रहा है। एनएमडीसी का मुख्यालय जो बस्तर में होना चाहिए वो हैदराबाद में क्या कर रहा है? उसे तत्काल बस्तर में शिफ्ट किया जाना चाहिए।
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश प्रवक्ता सुब्रत डे ने कहा कि आज जगदलपुर के संजय मार्केट से , जकांछ (जे) के वरिष्ठ नेता धरमजीत सिंह के नेतृत्व में, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के कार्यकर्ताओं सहित बड़ी संख्या में बस्तर के विभिन्न सामाजिक संगठनों से सम्बद्ध लोगों ने नगरनार इस्पात संयंत्र तक रैली निकाली और विनिवेशीकरण का विरोध किया। इसके उपरान्त कार्यकर्ताओं ने अपनी पांच मांगों को दोहराया और जोगी जी द्वारा दिए गए अल्टीमेटम को संयंत्र प्रबंधन को सुनाया। 1) नगरनार इस्पात संयंत्र के निजीकरण का फैसला तत्काल वापस लिया जाए नहीं तो बस्तर से लोहा बाहर नहीं जाने दिया जाएगा 2) बस्तर की खनिज संपदा को दोहन करने वाली सरकारी कंपनियां अगर बस्तरवासियों को रोजगार नहीं देती तो उन्हें बस्तर की खनिज संपदा का दोहन नहीं करने दिया जाएगा। 3) संयंत्र के लिए जमीन देने वाले किसानों को तत्काल नौकरी दी जाए। 4) एनएमडीसी का मुख्यालय हैदराबाद से बस्तर शिफ्ट किया जाए। 5) एनएमडीसी के सीएसआर मद में बढ़ोतरी की जाए ताकि बस्तर का चैमुखी विकास हो।
जकांछ के वरिष्ठ नेता धरमजीत सिंह ने कहा कि भाजपा की सरकार को अब किसी भी शासकीय सम्पत्ति को अपने चहेतों को बेचने नहीं दिया जाएगा यह सम्पत्ति बस्तरवासियों की है एवं आने वाली पीढ़ी की धरोहर है जिसकी रक्षा के लिए छत्तीसगढ़ की ढाई करोड़ जनता सक्षम है ।