सुधीर दंडोतिया, भोपाल/जयपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रेडियो प्रोग्राम मन की बात के 109वां एपिसोड पर देश को संबोधित किया. पीएम मोदी ने अपने आज के संबोधन की शुरुआत राममंदिर के जिक्र के साथ की. मन की बात कार्यक्रम पूरे देश में अलग-अलग जगह बीजेपी नेताओं ने सुना. इसी बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने जयपुर एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम को सुना. साथ ही राजस्थान में आज दोनों राज्यों के जल बंटवारे को लेकर भी चर्चा होगी.

दरअसल, सीएम डॉ मोहन यादव आज जयपुर के दौरे पर हैं. जहां मोहन यादव ने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात की. इस दौरान भजनलाल शर्मा ने मोहन यादव का स्वागत किया. बताया जा रहा है कि दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच ERCP परियोजना पर चर्चा भी होगी. जिसके बाद दोनों मुख्यमंत्री आज शाम तक दिल्ली के लिए रवाना होंगे. दोनों मुख्यमंत्री ईआरसीपी को लेकर हुई चर्चा का ब्यौरा आलाकमान के सामने रखेंगे.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, “…राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकार मिलकर हमारी नदियों के जल के बंटवारे को लेकर कुछ निर्णय करने जा रही हैं…यह निर्णय ना केवल दोनों राज्यों की बेहतरी के लिए होगा बल्कि इससे लाखों किसानों का जीवन भी बदलेगा…इस निर्णय से पर्यटन और उद्योग जगत में भी विकास के नए दरवाजे खुलेंगे. उन्होंने कहा कि नदियों के जल बंटवारे के निर्णय से मप्र के किसानों को भी लाभ होगा. पार्वती, कालीसिंध और चम्बल नदियों के जल बंटवारे को लेकर आज लिए जा रहे महत्वपूर्ण निर्णय से दोनों राज्यों के लाखों किसानों का जीवन बदलेगा. डॉ यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी राज्यों के परस्पर सहयोग पर जोर देते हैं.उनके नेतृत्व में और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के सहयोग से राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ आज चर्चा में महत्वपूर्ण निर्णय लिया जा रहा है.”

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एमपी-राजस्थान के बीच चल रहा जल बंटवारे का मामला

बता दें कि पिछले काफी समय से मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच जल बंटवारे को लेकर मामला चल रहा है. अशोक गहलोत की सरकार में जल बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाई थी. ऐसे यह तो साफ है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव आज जब मुख्यमंत्री आवास पर मुलाकात करेंगे तो दोनों नेताओं के बीच इस मुद्दे पर चर्चा हो सकती है, ताकि 13 जिलों के लिए जीवनदायिनी ईआरसीपी परियोजना को लेकर धरातल पर काम शुरू हुआ सकें और प्रदेशवासियों को राहत मिल सकें.

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क्या है ERCP परियोजना?

ईआरसीपी योजना राजस्थान की लाइफ लाइन है. इस योजना से राजस्थान के 13 जिलों में रहने वाले लोगों की प्यास बुझाई जा सकती है. इसके अलावार 13 जिलों में 26 विभिन्न बड़ी व मध्यम परियोजनाओं के जरिए 2.8 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई के लिए जल उपलब्ध कराया जाएगा. इस योजना के शुरू होने से झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, करौली, अलवर, भरतपुर, दौसा और धौलपुर जिलों के लोगों को काफी फायदा होगा.

2017 में ERCP पर शुरु हुआ था काम

वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली तत्कालीन बीजेपी सरकार ने साल 2017 में ईआरसीपी पर काम शुरू किया था. तब 37 हजार 237 करोड़ रुपए की लागत का अनुमान था. कांग्रेस के शासन में ईआरसीपी पर करीब 1600 करोड़ खर्च किए जा चुके हैं. लेकिन, देरी के चलते ईआरसीपी की लागत अब 45,000 करोड़ तक पहुंच गई है.

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