शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश का विकास अब गुजरात मॉडल की तर्ज पर होगा। इसके लिए अब सरकार ने तैयारी भी शुरू कर दी है। बीते दिनों मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने एक दशक के विकास की रूपरेखा तैयार करने का निर्देश अफसरों को दिया था। साथ ही नई प्लानिंग का भी निर्देश दिया गया। इसका खाका भी तैयार कर लिया गया है। खास बात यह है कि एमपी में लागू होने वाली अधिकांश नीतियां गुजरात की है।

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 इसमें पशुपालन, सहकारिता, अर्बन डेवलपमेंट, ट्रांसपोर्ट पॉलिसी, पार्किंग पॉलिसी, उद्योग नीति, निवेश नीति, भू अधिग्रहण जैसी नीतियों को प्रदेश में लागू किया जाएगा। सुशासन को लेकर सरकार के गुजरात की ओर बढ़ते कदमों के साथ सियासी पारा भी चढ़ने लगा है। 

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कांग्रेस ने सरकार पर तंज कसा कि प्रदेश के मुखिया केंद्र में अपने नंबर बढ़ाने के लिए गुजरात की ओर रुख कर रहे हैं। पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि पीएम मोदी गुजरात से आते हैं। प्रदेश में बीते 18 सालों तक बीजेपी सरकार के हाथ में सत्ता रही। इसके बाद भी प्रदेश में विकास के लिए ठोस कदम नहीं उठा पाए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बीते पांच सालों में प्रदेश के तमाम बड़े ठेके गुजरात की कंपनियों को ही दिए गए। गुजरात के नाम पर सरकार अपना विकास करने की तैयारी में है। 

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उधर बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सिंह सलूजा ने पीसी शर्मा के आरोप पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि किसी प्रदेश की अच्छी नीतियों को अपनाने में हर्ज नहीं होना चाहिए। कांग्रेस शासन काल में कमलनाथ ने सिर्फ छिंदवाड़ा मॉडल की बात की। इतना ही नहीं बल्कि प्रदेश के विकास को सिर्फ छिंदवाड़ा तक सीमित करने का पाप भी कांग्रेस ने ही किया।

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