प्रशांत सिंह, जांजगीर-चाम्पा. जिले के बिरगहनी गांव इन दिनों बम के धमाकों से दहल रहा है. प्रतिबन्ध के बावजूद पत्थर खदानों में हैवी ब्लास्टिंग से घरों में दरार आने लगी हैं और लोग अपनी जान जोखिम में डालकर यहां अपना दिन काट रहे हैं. क्रेशर संचालकों की मनमानी के खिलाफ सरपंच और जनप्रतिनिधि ग्रामीणों के साथ खनिज विभाग के अधिकारी और कलेक्टर से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं होने से क्रेसर संचालकों का हौंसला बुलंद है. अब स्थानीय विधायक ने दोषियों पर कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है.

बता दें कि, जिले में खनिज संसाधनों की कमी नहीं है. यहां की जमीन के भीतर बहुमूल्य पत्थर भी दबे हुए हैं, जिसमें लाइम स्टोन और अन्य तरह के पत्थर शामिल हैं. इसे निकालने के लिए क्रेसर खदानें भी संचालित है, लेकिन क्रेशर संचालक सरकारी नियम क़ानून की धज्जियां उड़ाते हुए बेखौफ़ होकर हैवी ब्लास्टिंग कर पत्थर का उत्खनन कर रहे हैं, जिसके कारण बड़े-बड़े पत्थर गांव में भी गिर जाते हैं और ग्रामीण जख्मी हो जाते हैं.

वहीं हैवी ब्लास्टिंग के कारण निजी और शासकीय भवनों में भी बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं. क्रेशर संचालकों की इस मनमानी के खिलाफ सरपंच और ग्रामीणों ने कई बार खनिज अधिकारी को शिकायत की, लेकिन किसी तरह की अब तक कार्रवाई नहीं हुई. जिसके कारण ग्रामीणों ने कांग्रेसी विधायक से गुहार लगाई है. वही ब्यास कश्यप ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर उचित कार्रवाई की मांग की है और कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है.

बिरगहनी क्षेत्र के क्रेशर खदानों में हैवी ब्लास्टिंग की शिकायत पर जिला खनिज अधिकारी ने अपना पल्ला झाड़ते हुए ब्लास्टिंग के मामले में रायगढ़ के अधिकारियों तक सूचना पहुंचाने की बात कहीं और ब्लास्टिंग के मामले में वहीं से जांच और कार्रवाई होने का हवाला दिया है.

जांजगीर चाम्पा जिला के अकलतरा, शिवरीनारायण, नवागढ़ और चाम्पा क्षेत्र में क्रेसर खदान संचालित हैं और बड़े पत्थरों को तोड़ने के लिए क्रेशर संचालक मजदूरों के बजाय ब्लास्टिंग कराना ज्यादा उपयुक्त मानते हैं और लोगों की जान को जोखिम में डालकर अपनी जेब भर रहे हैं. इन्हें ना कार्रवाई का डर है और ना है अधिकारी इनके खिलाफ कभी कोई कार्रवाई करते हैं. क्रेशर संचालकों की इस मनमानी के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर ग्रामीणों का आक्रोश व्याप्त है और आंदोनल का मूड बना लिए है.

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