दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने राजधानी में प्रॉपर्टी जियोटैगिंग की समय सीमा बढ़ा दी है. अब इस प्रक्रिया को 29 फरवरी तक पूरा कर लिया जाएगा. जियोटैगिंग प्रक्रिया को पूरा करने और वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए एकमुश्त अग्रिम कर भुगतान पर 10 प्रतिशत की छूट देने के लिए लोगों के पास अब एक महीने का समय है.

29 फरवरी तक का मिला समय

एमसीडी ने कहा कि यूजर्स को आ रही तकनीकी समस्याओं के कारण डेडलाइन बढ़ा दी गई है. माना जाता है कि आईफोन प्रयोगकर्ताओं को अपनी संपत्ति को जियो टैग करने में कठिनाई हुई है. MCD ने इस तकनीकी समस्या का सही हल निकालने का वादा किया था. इसके तहत अब समय बढ़ाया गया है. MD ने दो महीने में 15 लाख संपत्ति की जियो टैगिंग का लक्ष्य निर्धारित किया था. लोगों को इसके लिए 29 फरवरी तक का समय मिल गया है.

समय अवधि बढ़ना कई करदाताओं, खासतौर से आईफोन यूजर्स के लिए राहत की खबर है, चूंकि इन्हें एमसीडी के मोबाइल ऐप में तकनीकी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था. एमसीडी न पहले 31 जनवरी की डेडलाइन दी थी, लेकिन कई संपत्ति मालिकों ने निगम को तकनीकी समस्याओं के बारे में बताया जिसके बाद जियोटैगिंग के लिए अतिरिक्त समय देने का फैसला किया गया.

जियोटैगिंग एमसीडी द्वारा एडवांस टेक्नोलॉजी का उपयोग करके संपत्ति कर रिकॉर्ड का एक व्यापक डेटाबेस बनाने की कोशिश का हिस्सा है. मेयर शेली ओबेरॉय ने पहले इस परियोजना के महत्व पर जोर दिया था, जिसका लक्ष्य दो महीने के अंदर लगभग 15 लाख संपत्तियों को जियोटैग करना है. एमसीडी ने पहले घोषणा की थी कि सभी 15 लाख संपत्ति मालिकों को 31 जनवरी तक अपनी संपत्तियों को जियो-टैग करना होगा. करदाताओं द्वारा जियोटैगिंग कराने से एमसीडी को व्यक्तिगत संपत्तियों की लोकेशन वाइस पहचान करने में मदद मिलेगी.

क्या होती है जियोटैगिंग

जियोटैगिंग में जियोग्राफिक इंफॉर्मेशन सिस्टम (जीआईएस) का उपयोग करके संपत्तियों को डिजिटल रूप से मैप करना, हर संपत्ति के लिए यूनिक अक्षांश (लैटीट्यूड) और देशांतर (लॉन्गिट्यूड) अंक असाइन करना है. एमसीडी के लिए संपत्तियों की सटीक पहचान और रिकॉर्ड करने, कुशल सेवा वितरण और कर संग्रह सुनिश्चित करने के लिए यह प्रक्रिया महत्वपूर्ण है. संपत्ति मालिकों को एमसीडी का मोबाइल ऐप डाउनलोड करने और अपनी संपत्तियों को जियोटैग करने के निर्देशों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. जो लोग नई समय सीमा तक प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा कर लेंगे, उन्हें 30 जून 2024 तक एकमुश्त अग्रिम भुगतान करने पर टैक्स में छूट मिलेगी.

प्रॉपर्टी की जियो टैगिंग का प्रोसेस

जियो टैगिंग के लिए सबसे पहले एमसीडी का उमा ऐप डाउनलोड करना होगा

उमा ऐप के लेटेस्ट 1.8 वर्जन को https://mcdonline.nic.in/mcdapp.html.से डाउनलोड कर सकते हैं

इसके लिए आपको डिवाइस लोकेशन परमिशन देने की जरूरत होगी

अब संबंधित प्रॉपर्टी पर जाकर ऐप को ओपन करें

मॉड्यूल सेलेक्ट कर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर की मदद से लॉग इन करें

विकल्पों से प्रॉपर्टी टैक्स मॉड्यूल को सेलेक्ट करें

प्रॉपर्टी का यूपिक यानी यूनिक प्रॉपर्टी आइडेंटिफिकेशन कोड सेलेक्ट करें

कैप्चर जियो कोऑर्डिनेट पर क्लिक कर सटीक लोकेशन सेलेक्ट करें

प्रॉपर्टी की फोटो अपलोड करें और कैप्शन में एड्रेस डाल दें

प्रॉपर्टी डिटेल सेव करने के बाद सबमिट कर दें

इस बात का जरूर रखें ध्यान

प्रॉपर्टी की जियो टैगिंग में आपको सुनिश्चित करना है कि जानकारियां सटीक दर्ज हों. सबमिट करने से पहले लोकेशन, जियो कोऑर्डिनेट, एड्रेस आदि को दोबारा चेक कर लें. कोई गलती होने पर आपको उसे सही करने का एक ही मौका मिलेगा.