रायपुर. राज्य के पचास प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण मामले कि सुनवाई सरकार अब हाईकोर्ट की जगह सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कराना चाहती है. सरकार ने ट्रांसफर पिटीशन लगाया है. सरकार ने याचिका लगाकर मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में कराने की मांग की है.
राज्य सरकार ने एससी वर्ग के आरक्षण में कटौती करके एसटी वर्ग के आरक्षण को बढ़ा दिया. जिसके बाद आरक्षण पचास प्रतिशत से अधिक हो गया है. इस मामले में लगी याचिका को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए लगाए जाने के लिए ट्रांसफर पिटीशन बिलासपुर हाईकोर्ट में लगाई है. याचिका पर सुनवाई 19 नवंबर को होगी.
सरकार ने 2012 की जाति जन गणना पर नया आरक्षण लागू किया था. जिसमें एससी के आरक्षण को कटौती करते हुए सरकार ने 16 से 12 प्रतिशत कर दिया था. एसटी के आरक्षण को 27 से 31 प्रतिशत कर दिया था. ओबीसी का आरक्षण 14 प्रतिशत रखा था. इसके खिलाफ विभिन्न संगठनों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई और पचास प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण को चुनौती दी है.
सुप्रिमकोर्ट की भी गाइड लाइन है कि आरक्षण पचास प्रतिशत से ज्यादा नहीं होना चाहिए. छ साल से चल रहे मामले में याचिकाकर्ता लगातार अंतिम सुनवाई की मांग कर रहे है. इस मामले में सरकार ने अलग से याचिका लगाकर मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में कराने की मांग की है.