रायपुर. लंबे समय से दिवंगत शिक्षाकर्मियों के आश्रितों की बहुप्रतीक्षित मांग अनुकम्पा नियुक्ति के नियमों में शिथिलता के आदेश जारी कर दिए गए हैं. मुख्यमंत्री रमन सिंह ने शिक्षाकर्मियों की अनुकम्पा नियुक्ति की मांग पर मुहर लगा दिया है. आखिरकार शिक्षाकर्मी इस मांग पर अडिग रहे और उनको जीत मिली है. बीते दिनों हुए शिक्षक महासम्मेलन में ऐसे शिक्षक जिनकी मौत संविलियन से पहले हो चुकी है, उनके परिजन परिवार के सदस्य इस बात को रखते हुए फूट-फूट कर रोने लगी थी. जिसके बाद अब मुख्यमंत्री ने इनकी मांग को मान लिया है. जिस पर शिक्षक नेता वीरेंद्र दुबे में मुख्यमंत्री का आभार जताया है.

प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेंद्र शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में शिक्षाकर्मियों के अनुकम्पा नियुक्ति का नियम बहुत जटिल था. सीधी भर्ती और अनुकम्पा दोनों के लिए एक नियम निर्धारित था. जबकि राज्य के अन्य कर्मचारियों के लिए अनुकम्पा नियुक्ति के मामलों में व्यावसायिक योग्यता की अनिवार्यता को शिथिल कर नियुक्ति प्रदान की जाती है. जबकि शिक्षाकर्मियों के मामलों में कोई छूट नहीं दी गई थी. जिससे प्रदेश में लगभग 3500 अनुकम्पा के मामले लम्बित थे. इस आदेश के तहत अब उन्हें भी नियुक्ति हेतु अनिवार्य योग्यता में छूट दी जा रही है.

ज्ञात हो कि मोर्चा प्रदेश संचालक वीरेंद्र दुबे ने शिक्षक महासम्मेलन के प्रतिवेदन वाचन में अनुकम्पा नियुक्ति को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए पहली मांग के रूप में प्रस्तुत किया था. केदार जैन ने भी स्वागत भाषण में अनुकम्पा नियुक्ति का मामला उठाया था. इसके पूर्व मुख्यमंत्री से हुई मुलाकातों में हमेशा अनुकम्पा नियुक्ति के मामलों को प्रमुखता से रखा गया था.

शिक्षक महासम्मेलन में अनुकम्पा पीड़ितों को विशेष रूप से मुख्यमंत्री का स्वागत और मुलाकात करने का अवसर महासम्मेलन के आयोजकों द्वारा प्रदान किया गया था. अनुकम्पा के नियमों के शिथिलिकरण के आदेश से प्रसन्न प्रदेश संचालक वीरेंद्र दुबे और केदार जैन ने हर्ष व्यक्त किया है और समस्त अनुकम्पा पीड़ितों को बधाई दी है. साथ ही इस संवेदनशील निर्णय के लिए मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और छग मंत्रिमंडल का आभार व्यक्त किया है.