Major Change in CBSE Board: CBSE ने एक प्रस्ताव तैयार किया है. जिसके मुताबिक 10वीं और 12वीं के शैक्षणिक ढांचे में बड़ा परिवर्तन किया जाएगा. इस प्रस्ताव के मुताबिक, 10वीं के विद्यार्थियों को 5 की जगह 10 विषयों के पेपर देने होंगे. इसी तरह 12वीं में विद्यार्थियों को 5 की जगह 6 विषयों में पास होना होगा. बदलाव का उद्देश्य नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क को स्कूली शिक्षा में लागू करना है.

10वीं के लिए ये बदलाव

अब 10वीं के विद्यार्थियों को 2 की जगह 3 भाषाएं पढ़ना होंगी. इसमें कम से कम 2 मूल भाषाएं होनी चाहिए. 10वीं में 7 विषयों को जोड़े जाने का प्रस्ताव है. इसमें गणित और कंप्यूटेशन थिंकिंग, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान, कला शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, शारीरिक शिक्षा, पर्यावरण शिक्षा शामिल हैं. 3 भाषाओं, गणित और कंप्यूटेशन थिंकिंग, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान और पर्यावरण शिक्षा का मूल्यांकन बाहरी तौर किया जाएगा. अन्य 3 विषयों का मूल्यांकन आंतरिक और बाहरी दोनों रूप से होगा.

सभी 10 विषयों में उत्तीर्ण होना जरूरी

भाषाओं के साथ नए जोड़े जाने वाले विषयों का मूल्यांकन आंतरिक और बाहरी तरीके से होगा, लेकिन छात्रों को 11वीं में दाखिले के लिए सभी 10 विषयों में पास होना होगा. इससे कम विषय में पास उम्मीदवारों को अगली कक्षा में प्रवेश नहीं मिलेगा.

12वीं में ये बदलाव

कक्षा 12 के लिए प्रस्तावित परिवर्तनों में छात्रों को 1 के बजाय 2 भाषाओं का अध्ययन करना शामिल है. इसमें कम से कम 1 भाषा मूल भारतीय भाषा होनी चाहिए. छात्रों को 5 की बजाय 6 विषयों की परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी. 6 विषयों में 2 भाषाएं और 5वें वैकल्पिक विषय के साथ 4 विषय शामिल होंगे. बता दें कि पिछले लंबे समय से 9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं के शैक्षणिक ढांचे में बदलाव की तैयारी चल रही है.

पढ़ाई के लिए निर्धारित होंगे घंटे

CBSE की योजना के मुताबिक, अब 1 शैक्षणिक वर्ष लगभग 1,200 अनुमानित शिक्षण घंटों से बना होगा, जो 40 क्रेडिट अर्जित करने में मदद करेगा. प्रत्येक विषय के लिए निश्चित घंटे आवंटित होंगे और औसत छात्र को अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए 1 साल में 1,200 घंटे का समय स्कूल में देना होगा.

कब से लागू होगा बदलाव?

अधिकारियों के मुताबिक, इस प्रस्ताव को लेकर CBSE ने स्कूल प्रमुखों और शिक्षकों से प्रतिक्रिया ली थी, सभी से सकारात्मक और अनुकूल प्रतिक्रिया मिली है. सभी शिक्षकों की प्रतिक्रिया में शिक्षण स्वायत्ता पर भी प्रकाश डाला गया है. ऐसे में CBSE ने सभी पहलुओं पर विचार करते हुए प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया है. हालांकि, ये नई प्रणाली किस शैक्षणिक वर्ष से लागू की जाएगी, इसको लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है.

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