शक्ति की साधना : क्या आप जानते हैं गुप्त नवरात्रि में किसकी और कैसे की जाती है पूजा ?
एक साल में चार नवरात्रि होती है. जिसमें से दो जागृत और गुप्त होती हैं. गुप्त नवरात्रि यंत्र, तंत्र और मंत्र सिद्धि का श्रेष्ठ काल होता है.
माघ महीने की इस गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व है. जिसमें गुप्त विधाओं से सिद्धी के लिए साधना की जाती है.
गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 10 फरवरी से हो रही है. जो कि 18 फरवरी तक चलेगी. इस दौरान दस महाविद्या की साधना का विधान है.
इन दस महाविद्याओं में मां काली, तारा, छिन्नमस्ता, षोडशी, भुवनेश्वरी, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और मां कमला की साधना की जाती है.
इन नौ दिनों में साधक उपवास रखते हैं. मंदिरों में अखण्ड ज्योत प्रज्ज्वलित की जा रही है.
गुप्त नवरात्रि में सुबह और संध्या पूजा के समय दुर्गा चालीसा या दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए.
पूजा के दौरान माता को लौंग और बताशे का भोग चढ़ाना चाहिए. इसके साथ कलश स्थापना करते समय मां को लाल पुष्प और चुनरी भी अर्पित करनी चाहिए.
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