धीरज दुबे,कोरबा. कांग्रेस के समय में आदिवासी विकास परिषद के अध्यक्ष के मुंह पर कालिख पोती गई थी उसी अध्यक्ष ने अब इस चुनाव में कांग्रेस को समर्थन देने का एलान किया है. इसके लिए परिषद के द्वारा पूरे छत्तीसगढ़ में 28 अक्टूबर से सत्ता परिवर्तन यात्रा निकाली जाएगी.
कालिख पोते जाने के संबंध में पत्रकारों के पूछे सवाल पर अध्यक्ष केआर शाह ने कहा कि कालिख कांग्रेस ने नहीं बल्कि जिनको छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ उनके कार्यकाल में हमारे लोगों पर कालिख पोती गई. आदिवासियों ने इस अपमान का बदला लिया उनसे, उन्हें सिर्फ सत्ता से ही नहीं हटाया बल्कि परमात्मा ने उनको दंड दिया है और जो कुछ बचा होगा तो जनता उसे देख लेगी।
पत्रकारों को संबोधित करते शाह ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार विकास की आड़ में आदिवासियों का अस्तित्व समाप्त करना चाहती है. मुख्यमंत्री के द्वारा अटल विकास यात्रा निकाली गई है. यह यात्रा जनता के गाढ़ी कमाई की बर्बादी है. सत्ता प्राप्त करने के लिए भाजपा सरकार ने 22 अरब की बड़ी धनराशि मोबाइल में खर्च कर मानसिक दिवालियेपन का परिचय दिया है. आदिवासियों के अस्तित्व बचाने सरकार नाकाम साबित हुआ है.
आदिवासी विरोधी भाजपा सरकार को हटाने के लिए आदिवासी विकास परिषद (अविप) राज्य के 27 जिलों में सत्ता परिवर्तन संदेश यात्रा निकालेगी. यात्रा का शुभारंभ 28 अक्टूबर को राजधानी रायपुर में किया जाएगा. आदिवासी विकास परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष केआर शाह ने कहा कि रमन सरकार ने 5 माह पूर्व विधानसभा में भूमि अधिग्रहण से संबंधित भू-राजस्व संहिता में संशोधन किया था. इस संशोधन बिल के द्वारा राज्य सरकार आदिवासियों की भूमि को खरीदना व बेचना चाहती है. जिसका पूरे राज्य में भारी विरोध हुआ. भूमि अधिग्रहण बिल को विधानसभा में पारित कराने से स्पष्ट हो गया कि रमन सरकार आदिवासियों के साथ ना सिर्फ छल कर रही है बल्कि विकास की आड़ में आदिवासियों के अस्तित्व को समाप्त करना चाहती है.
इस यात्रा के माध्यम से 15 वर्षों में आदिवासी समाज सहित प्रदेश के दलित व पिछड़ी जातियों ने क्या-क्या खोया है इसकी जानकारी से लोगों को अवगत कराया जाएगा. भाजपा हटाओ, आदिवासी बचाओ अभियान के अंतर्गत आदिवासी विकास परिषद कांग्रेस की सरकार बनाने के लिए ना सिर्फ बाहर से समर्थन करेगा बल्कि कार्यकर्ता सभी आदिवासी सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर जमीनी क्षेत्र में समाज को सच बताएंगे. छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के 15 वर्ष के शासनकाल में बस्तर से सरगुजा समाज तक आदिवासी भय, शोषण, अन्याय, अत्याचार, बलात्कार, कुपोषण व पलायन का शिकार हुए हैं.
न्याय का सिद्धांत कहता है कि किसी भी देश की न्याय व्यवस्था में भले ही 10 अपराध दंड पाने से बच जाए लेकिन किसी बेगुनाह को सजा नहीं होनी चाहिए लेकिन भाजपा की राज्य सरकार छत्तीसगढ़ में विपरीत आचरण कर रही है. नक्सलवाद उनमूलन के नाम पर रमन सरकार ने स्वर्ग से सुंदर बस्तर को नरक से बदतर बना दिया है. किसी एक माओवादी को पकडऩे या मारने के लिए 10 बेगुनाह आदिवासी, युवाओं व बच्चों की हत्या हो रही है. 13 वर्षों में भाजपा सरकार लगभग 32 हजार आदिवासी के गांवों आबाद क्यों नहीं कर पायी. राज्य सरकार अपने तीन पंचवर्षीय कार्यकाल में विशेष भर्ती अभियान की पूर्ति एवं शिक्षित बेरोजगारों के लिए व्यवसायिक योजनाओं को मूर्त रूप देने में पूरी तरह से असफल रही है. प्रेस वार्ता के दौरान बड़ी संख्या में समाज के पदाधिकारी उपस्थित थे.
देखिए वीडियो-
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