एक बार फिर किसानों ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. किसान अपनी मांगों को लेकर संसद कूच करने के लिए नोए़डा में जुट गए, लेकिन सबको नोएडा में रोक लिया गया है. पिछली बार किसानों ने जब आंदोलन किया था तो उनका आंदोलन लगभग 1 साल तक चला था. जिसके बाद मोदी सरकार को किसानों के आगे झुकना पड़ गया था. मोदी सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा की थी. साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर एक समिति का गठन किया था. अब एक बार फिर किसान एक्टिव हो गए हैं.
वहीं, आगरा से मथुरा होते हुए दिल्ली जाने वाले हाइवे पर भी जाम लग गया है. 51 गांवों के किसान अपनी मांगों के लेकर ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के ऑफिस पर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होने के चलते गुरुवार को किसानों के सब्र का बांध टूट गया. संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में किसान नोएडा में जुटे हैं. सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.
बुधवार नोएडा ट्रैफिक को लेकर एडवाइजरी जारी की गई थी, जिसमें गुरुवार को होने वाले किसान आंदोलन को लेकर कई रूटों पर पूरी तरह से रोक लगाई और वहीं कई रूटों पर डायवर्जन किया गया है. दिल्ली जाने वाले डीएनडी, चिल्ला और कालिंदी कुंज बॉर्डर महाजाम है. किसानों को दिल्ली के बॉर्डरों पर बैरीकेडिंग करके रोका गया है. दिल्ली-यूपी पुलिस के जवान तैनात हैं.
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