केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी टोल प्लाजा को लेकर नया फॉर्मूला तैयार कर रहे हैं. गडकरी ने राज्यसभा में बताया कि सरकार स्थानीय और वर्किंग लोगों को ध्यान में रखकर शहरों और इंडस्ट्रियल एरिया के 6-7 किमी के अंदर टोल प्लाजा बनाने से परहेज करेगी. उन्होंने बताया कि सरकार एमसीसी लागू होने से पहले हाइवे पर जीपीएस बेस्ड टोल सिस्सम टोलिंग शुरू करने की कोशिश कर रही है. वह विशाखापट्टनम में एक टोल प्लाजा से स्थानीय लोगों को होने वाली समस्या पर एक भाजपा सांसद के प्रश्न का जवाब दे रहे थे. गडकरी ने कहा कि उन्हें कुछ जगह इस तरह की समस्या के बारे में पता है.
कैसे करेगा काम?
उन्होंने बताया कि सरकार टोल टैक्स (toll tax) के लिए दुनिया की सर्वश्रेष्ठ प्रौद्योगिकी सैटेलाइट बेस्ड टोल टैक्स लाने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने से पहले देश में यह व्यवस्था लागू करने का प्रयास है. गडकरी ने कहा कि इस व्यवस्था के तहत टोल नाके हटा दिए जाएंगे. लोगों को कहीं रुकने की जरूरत नहीं होगी. लोगों के वाहन की नंबर प्लेट की फोटो ली जाएगी और जहां से प्रवेश होगा और जहां से निकलेंगे, केवल इतनी ही दूरी का टोल टैक्स लिया जाएगा और यह राशि वाहन चालक के बैंक खाते से काट ली जाएगी.
अब नहीं लगता ज्यादा समय
2018-19 के बीच टोल प्लाजा पर वाहनों औसत प्रतीक्षा समय आठ मिनट था. हालांकि 2020-21 और 2021-22 के दौरान फास्टैग पेश किए जाने के बाद यह घटकर 47 सेकेंड रह गया. कुछ स्थानों पर विशेष रूप से शहरों के पास, घनी आबादी वाले कस्बों में प्रतीक्षा समय में सुधार हुआ है. इसके बावजूदइ भीड़भाड़ के समय टोल प्लाजा पर कुछ देरी होती है.
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