लखनऊ. आए दिन लिफ्ट में हो रही दुर्घटनाओं को देखते हुए यूपी विधानसभा में लिफ्ट एंड एस्केलेटर एक्ट पास हो गया है. शुक्रवार की सुबह ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने सदन में लिफ्ट विधेयक पेश किया, जिसे पूरे सदन ने सर्वसम्मति से स्थापित करने की सहमति दी. सत्र के दौरान दोपहर बाद लिफ्ट एक्ट पास हो गया.
इस एक्ट के अनुसार, घरेलू लिफ्ट को छोड़कर बाकी सभी स्थान पर लिफ्ट ऑपरेटर रखना अनिवार्य होगा. नियम के अनुसार राज्य में किसी भी बहुमंजिला बिल्डिंग में लिफ्ट या एस्केलेटर लगाने के लिए इजाजत लेनी होगी और विद्युत सुरक्षा निदेशालय में रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. उसके बाद लिफ्ट लगाने के लिए सरकार की टीम मौके पर मुआयना करेगी. ऑडिट के दौरान काफी शर्तें रखी जाएंगी, जिनको मानना अनिवार्य होगा. नियम के मुताबिक अब जो लिफ्ट लगेगी, उनमें “ऑटो रेस्क्यू डिवाइस” लगा होगा.
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इसका मतलब होता है कि अगर बिजली या तकनीकी खराबी होने की वजह से लिफ्ट रुक जाती है तो नजदीकी फ्लोर पर अपने आप आकर दरवाजा खुल जाएगा. प्रारूप के मुताबिक थर्ड पार्टी का बीमा करवाना होगा, जिससे कोई हादसा होने पर पीड़ित को भी मुआवजा दिया जाएगा.
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