नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के कभी स्तंभ माने जाने वाले कुमार विश्वास के राज्यसभा में जाने की चर्चा एक बार फिर से राजनीतिक गलियारों में गूंज रही है. फर्क इतना है कि इस बार उत्तर प्रदेश से भाजपा की टिकट पर उनके चुनाव मैदान में उतरने की बात कही जा रही है. इसे भी पढ़ें : ‘मैं आपसे न्याय की मांग करती हूं’, न्याय यात्रा पर निकले राहुल गांधी को पूर्व राष्ट्रपति की बेटी ने लिखा खुला खत…
जानकारों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में 10 राज्यसभा सीटों पर चुनाव होना है. इनमें से सात सीटों पर भाजपा की जीत तय मानी जा रही है, जिसके लिए उत्तर प्रदेश भाजपा की ओर से 35 नामों का पैनल केंद्रीय कमेटी को भेजी है, इस पैनल ने तेज तर्रार नेता सुधांशु त्रिवेदी के साथ कुमार विश्वास का भी नाम शामिल है.
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बता दें कि राज्यसभा की खाली हो रही 10 सीटों में 9 भाजपा और 1 सपा के पास है. इस समय उत्तर प्रदेश विधानसभा की कुल सदस्य संख्या 399 है. राज्यसभा में निर्वाचित होने के लिए इस बार एक सीट के लिए 37 विधायक की जरूरत होगी. इस हिसाब से मौजूदा स्थिति में भाजपा गठबंधन 7 और सपा गठबंधन 3 सीटें आसानी से जीतने की स्थिति में है.
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रालोद से बनेगा-बिगड़ेगा गणित
चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने के बाद अगर राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) एनडीए के पाले में जाती है, तो सपा का गठित बिगड़ सकता है. सपा को अपना तीसरा उम्मीदवार जिताने के लिए 1 और विधायक की जरूरत होगी. वहीं रालोद के साथ आने से भाजपा के पास 29 अतिरिक्त वोट हो जाएंगे, जिससे भाजपा के आठवें उम्मीदवार के जीतने की संभावना बढ़ जाएगी.
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