लोकसभा चुनाव से पहले पंजाब में भाजपा को बड़ा झटका लगा है. खबर आ रही है कि पंजाब में अकाली दल और बीजेपी गठबंधन की बातचीत विफल हो गई है. एनडीए की कुनबा बढ़ाने की कोशिश नाकाम हो गई है. ऐसे में 13 लोकसभा सीटों वाले पंजाब में अब अकाली दल एकला चलो की स्थिति में है.

कुछ समय पहले अकाली दल के सूत्रों के हवाले से जानकारी सामने आई कि 13 लोकसभा सीटों में से छह सीटों पर बीजेपी चुनाव लड़ने की मांग कर रही है, जबकि अकाली दल इतनी सीटें देने को तैयार नहीं है. साथ ही ये भी जानकारी है किअकाली दल किसान आंदोलन, सिख बंदियों की रिहाई के मामलों को लेकर भी बीजेपी पर दवाब बनाया जा रहा था. साथ ही पंजाब की बीजेपी लीडरशिप भी गठबंधन के हक में नहीं थी.

अकाली दल को कमजोर करने की कोशिश

वहीं अकाली नेताओं का आरोप है कि बीजेपी ने पंजाब में अकाली दल को कमजोर करने की भी कोशिश की है. बीजेपी ने अकाली दल के नाराज नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कराया ताकि अकाली का वोटबैंक उसको ट्रांसफर हो सके.

पहले ही टूट गया था दोनों दल का नाता

बता दें कि केंद्र सरकार जब किसानों के लिए नए कृषि कानून लेकर आई थी, उसके विरोध में अकाली दल ने एनडीए से अपना नाता तोड़ लिया था. उसके बाद अकाली दल ने बहुजन समाज पार्टी के साथ मिलकर ही पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ा था.

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