लखनऊ. उत्तर प्रदेश के कर्मचारियों ने नई पेंशन स्कीम में 5700 करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि सोमवार को होने वाली रैली में इस घोटाले का खुलासा किया जाएगा. बताया जाएगा कि देश के किस राज्य में नई पेंशन स्कीम के तहत एकत्र कितनी धनराशि शेयर बाजार में लगाई गई.
कर्मचारी नेताओं ने दावा किया कि लखनऊ की रैली में पुरानी पेंशन बहाली के लिए एक लाख से ज्यादा लोग जुटेंगे और आरपार के संघर्ष का संकल्प लेंगे. इसके बाद अन्य राज्यों की राजधानियों में भी रैलियां होंगी फिर भी सरकार न चेती तो राज्य और केंद्र सरकार के कर्मचारी एकजुट होकर दिल्ली कूच करेंगे.
कर्मचारी नेताओं ने आरोप लगाया कि 1 अप्रैल 2005 के बाद देश भर में 5700 करोड़ रुपये नई पेंशन स्कीम में एकत्र हुए पर, यह रकम कहां जमा है इसका कोई लेखा-जोखा सरकार के पास नहीं है. राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने 2003 में ही दिल्ली तक साइकिल रैली निकाल कर विरोध दर्ज कराते हुए इस नई योजना की खामियां उजागर की थीं. उस समय राजनाथ सिंह और कल्याण सिंह सहित 52 सांसदों ने पुरानी पेंशन बहाली के पक्ष में सरकार को पत्र भी लिखा था. कर्मचारी नेताओं ने आरोप लगाया कि उप्र में नई पेंशन स्कीम में घोटाले के संकेत तभी मिलने लगे थे जब तत्कालीन राज्य सरकार ने इसे लागू तो कर दिया लेकिन 2005 से 2008 तक कोई धन जमा नहीं किया. देश भर में एकत्र 5700 करोड़ रुपये कहां खर्च हुए, इसका कोई हिसाब सरकार नहीं बता पाई. केंद्रीय वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी शम्भू दयाल ने आरटीआई के तहत दी गई सूचना में कहा, केंद्र की नई पेंशन स्कीम राज्यों के लिए अनिवार्य नहीं है.
खास बात ये है कि प्रदेश सरकार ने 2017-18 में 700 करोड़ रुपये अंशदान जमा ही नहीं किया. एक चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है. देश के 27 राज्यों में 26 अगस्त 2017 तक 75968 करोड़ रुपये नई पेंशन स्कीम में जमा हुए लेकिन इसमें सिर्फ 9777 करोड़ का ही हिसाब है. बाकी की रकम कहां गई इसका कोई हिसाब सरकार अभी तक नहीं दे पाई है.