रायपुर। एक तरफ विमान कंपनियां ग्राहकों को लुभाने के लिए नई-नई स्कीमें लेकर आ रही हैं. वहीं दूसरी तरफ विमान कंपनी के कर्मचारियों द्वारा यात्रियों से बदसलूकी और असंवेदनशीलता की खबरें सामने आते रहती है. प्रसिद्ध लेखक राजीव रंजन प्रसाद जेट एयरवेज के कर्मचारियों की असंवेदनशीलता का शिकार हो गए. और उन्हें रायपुर से दिल्ली की यात्रा तकलीफों में गुजारनी पड़ी. राजीव रंजन प्रसाद रायपुर से दिल्ली जा रहे थे, इस दौरान उनके लगेज को लेकर काउंटर में बैठी महिला कर्मचारी से कुछ कहासुनी हो गई. इसके अलावा उन्होंने बीच की बजाय खिड़की साइड या बाहरी किनारे की सीट की मांग की थी लेकिन जेय एयरवेज के कर्मचारियों ने उनके अनुरोध को दरकिनार कर दिया.
दरअसल राजीव रंजन प्रसाद दिव्यांग हैं और उन्होंने अपनी शारीरिक विवशता को लेकर भी जेट एयरवेज के कर्मचारियों को संवेदनशीलता दिखाने के लिए कहा लेकिन कर्मचारियों ने उनकी बात को अनसुना कर दिया. राजीव रंजन ने अपने साथ हुई घटना का एक पोस्ट फेसबुक पर साझा किया है. राजीव रंजन ने अपने पोस्ट को जेट एयरवेज को टैग भी किया है.
इस पोस्ट में राजीव रंजन ने अपना दर्द बयां किया है-
राजीव रंजन प्रसाद द्वारा अपने फेसबुक में इसे साझा किये जाने के बाद लोगों ने इसे जेट एयरवेज की असंवेदनशीलता बताया है. वहीं कुछ लोगों ने जेट एयरवेज से मांग की है कि वो राजीव रंजन प्रसाद से माफी मांगें. उधर एक महिला ने जेट एयरवेज को इस मामले में अपनी आपत्ति भी दर्ज कराई है. जिसके बाद जेट एयरवेज ने इस मामले की आंतरिक जांच करवाए जाने का आश्वासन दिया है.
आपको बता दें कि राजीव रंजन प्रसाद छत्तीसगढ़ के ही रहने वाले हैं और वे बस्तर के सम सामायिक विषयों पर कई किताबें लिख चुके हैं. जिसमें उनकी आमचो बस्तर किताब सबसे ज्यादा लोकप्रिय हुई थी.