आरिफ कुरैशी, श्योपुरमध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में मरीजों के लिए ही दवाएं नहीं मिल रही हैं। मजबूरन इन हालातों में सर्दी, खांसी और बुखार से लेकर ऐलर्जी सहित अन्य बीमारियों से पीडित मरीजों को वाहर से दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं। वहीं लोगों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही करने के आरोप लगाए है।

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जिला अस्पताल में दाद का इलाज कराने पहुंची श्योपुर निवासी सीमा बाई ने बताया कि, उनके पैर में दाद हो गई है, जिसका उपचार कराने के लिए वह जिला अस्पताल में आई हैं लेकिन, यहां दवाई नहीं है, डॉक्टर ने पर्चे पर दवाई लिख दी और कहा कि, वाहर से दवाई लेना यहां नहीं है। सीमा के अलावा श्योपुर निवासी रीना का कहना है कि, उनके पति के हाथ-पैरों में चोट लग गई है, उपचार कराने के लिए जिला अस्पताल आए हैं लेकिन, डॉक्टर हमें यह कहकर लौटा रहे हैं कि, यहां दवा नहीं है, वाहर इलाज कराओ।

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सीमा और रीना ही नहीं बल्कि, श्योपुर की गुलमोहर कॉलोनी निवासी बलवीर सिंह के द्वारा बताया गया है कि, उनकी आंखों में खुजली चल रही है, डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने ड्रॉप लिख दिया और कह दिया कि, वाहर मेडिकल स्टॉर पर मिलेगा। मरीज बोले जब दवाई ही नहीं है तो यहां आने से भी क्या फायदा है। इस बारे में सिविल सर्जन दिलीप सिकरवार का कहना है, दवाएं सारी उपलब्ध हैं, कभी-कभी शॉर्ट हो जाती हैं।

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