Valentine's Day Special : अधूरी रही इनकी प्रेम कहानी, अब लोग देवता मानकर करते हैं पूजा
छत्तीसगढ़ के बस्तर की धरती में कई ऐसी कहानियां दबी है, जिसमें अधूरी प्रेम कहानी भी है.
एक अधूरी प्रेम गाथा सोमी-धामी और रूनकी-झुनकी की है, जिन्हें अब लोग भगवान मानकर पूजा करते हैं.
दरअसल, कोंडागांव से लगे सम्बलपुर से दो लड़के सोमी और धामी काम की तलाश में सोनाबल के सेठिया परिवार यहां पहुचे थे.
इस दौरान रूनकी और झुनकी नाम की दो युवतियाें के साथ सोमी और धामी की मुलाकात हुई थी. फिर देखते ही देखते उनके बीच प्यार परवान चढ़ गया.
जब घर वालों के साथ गांव वालों
को इस प्यार की खबर लगी तो
इसका विरोध होने लगा.
इससे डरकर सोमी-धामी एक कमरे (कोठी) में जाकर छिप गए, जहां अलसी भरा हुआ था. अलसी की कोठी में छिपे सोमी और धामी की वहीं मौत हो गई थी.
लापता सोमी-धामी की खोज जारी थी. महीनों बाद पता चला की अलसी की कोठी में छिपे सोमी-धामी की मौत हो गई.
इनकी याद में रूनकी और झुनकी भी कुछ समय बाद सती हो गई.
लोगों का कहना है कि सोमी और धामी की मौत के बाद सेठिया परिवार की परेशानी शुरू हो गई.
इसके बाद सेठिया परिवार और गांव वाले सोमी और धामी की पूजा करना शुरू कर दिया. गांव के बाहर एक पेड़ के नीचे चबूतरे में खास अवसर पर सोमी-धामी की पूजा होती है.