शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्यप्रदेश के तंगहाल नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषदों को सरकार की बड़ी राहत लंबे समय के बाद नसीब हुई। मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव की अनुशंसा पर वित्त विभाग ने नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग को 300 करोड़ रूपये की राशि आहरित करने की अनुमति दे दी है। मामले को लेकर नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बीते दिनों मुख्यमंत्री यादव से मुलाकात भी की थी।

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दरअसल, चुंगी क्षतिपूर्ति की राशि नगरीय निकायों के लिए व्यय मदों के लिए महत्वपूर्ण हिस्सा है। नियमों के मुताबिक इस राशि से प्रदेश के सभी 419 नगरीय निकायों में कर्मचारियों के वेतन, पेंशन, स्थापना व्यय एवं अन्य दैनंदिनी कार्य संबंधी कार्य किए जाते हैं। इसके अलावा कई बार इस मद का उपयोग अन्य विकास कार्यों में भी किया जाता है। इससे शहर सरकार के संचालन में भी निकायों को बड़ी मदद मिलती है।

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नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2023 में 31 मार्च से लगाए गए प्रतिबंधों को शिथिल करते हुए वित्त विभाग द्वारा यह आदेश जारी किया है। वित्त विभाग ने अपने आदेश में नगरीय विकास विभाग को 300 करोड रूपये की राशि में से 58 करोड़ 40 लाख रूपये बिजली कम्पनियों को भुगतान करने के निर्देश दिए है।चुंगी क्षतिपूर्ति राशि से ही कर्मचारियों का वेतनप्रदेश के नगरीय निकायों में अन्य विभागों से सबसे ज्यादा कर्मचारी कार्यरत हैं।

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इसमें नियमित, विनियमित, दैनिक वेतन भोगी, कुशल, कुशल और अर्धकुशल कर्मचारियों को चुंगी क्षतिपूर्ति राशि से ही भुगतान किया जाता है। भोपाल नगर निगम में बीते पांच माह पहले क्षतिपूर्ति की राशि मिलने में देरी होने के कारण वेतन नहीं जा सका था। कर्मचारियों ने मामले पर आंदोलन भी किया था।

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