गोविंद पटेल, कुशीनगर. उत्तर प्रदेश के टॉप में अपना स्थान रखने वाली विशुनपुरा ब्लाक के बिरईठ रामनगर व अकबरपुर और जिले के नेबुआ नौरंगीया ब्लाक स्थित सौरहा खुर्द गांव में मनरेगा मजदूरों का नाम पर गोलमाल का मामला सामने आया है. जिसमें एनएमएमएस के नियमों को दरकिनार कर फर्जी हाजरी लगाई जा रही है. हालांकि इस मामले में नेबुआ नौरंगीया बीडीओ ने चार लोगों पर नोटिस कराते हुए गांव की दैनिक मजदूरी को रोकते हुए सख्त कार्यवाही की बात कही है. लेकिन टॉप मनरेगा कार्यो का आंकड़ा देने वाले बीडीओ विशुनपुरा मामले की लीपापोती में जुट गए.
दो दशक पूर्व कुशीनगर जिले में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना में बड़ी धांधली देखी गई. जिसमे आज भी सीबीआई जांच चल रही है. कई घोटालेबाजो को जेल की भी हवा खानी पड़ी. कुछ दिन पहले योगी आदित्यनाथ की 2.0 सरकार में जिले का मनरेगा योजना में बेहतर कार्य करने पर उतर प्रदेश में विशुनपुरा ब्लाक को प्रथम स्थान मिला. लेकिन जब हमने वहां मजदूरों को मिल रही मनरेगा कार्यों की सुविधाओं को जानने एन एम एम एस की सहायता से ग्राउंड पर पहुंचे. सबसे पहले विशुनपुरा ब्लाक के बिरईठ रामनगर से बहने वाली कुदौना रजवाहा के किनारे पटरी पर मिट्टी कार्य जो किमी 2.5 से 4.5 के बीच नहर पटरी पर मिट्टी भराई कार्य पर गए.
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ऑनलाइन हाजरी के अनुसार 8 सेट जारी मस्टरोल पर 73 मजदूर काम कर रहे थे. लेकिन मौके पर कोई भी मजदूर नहीं थे. अतः 16790 रुपए की रोजाना फर्जी मजदूरी लग रही थी. एक स्थानीय महिला ने बताया कि यहां पर कार्य एक सप्ताह पूर्व हुआ है तबसे कोई काम करने नहीं आया. जो कार्य भी किये गए उसमे नहर की बैंक को काट कर क्षतिग्रस्त किया गया. इस मामले में अगर स्थानीय लोगो की बात मान कर घोटाले को निकाले तो बिना मजदूरों को लगाए 1 लाख 17 हजार 530 रुपए की फर्जी हाजरी लगाई गई है.
इसके बाद हम विशुनपुरा ब्लाक के ही अकबरपुर गांव पहुंचे जहां पर दो कार्यो की साइट पर ऑनलाइन हाजरी लग रही थी. जिसके पहला कार्य अहिरटोली में बैजनाथ के घर से सहदेव के खेत तक मिट्टी कार्य था हाजरी के अनुसार यह 5 सेट मस्टररोल पर 42 मजदूर कार्य करते दिखाए गए. लेकिन मौके पर मौजूद मजदूरों की संख्या सिर्फ दस थी. इसके अनुसार 90660 रुपए के मजदूरी की हाजरी लग रही है, लेकिन कार्य सिर्फ 2300 रुपए के ही मजदूर है. यहां पर मौजूद मजदूरों की भी अपनी अलग पीड़ा थी. राजेन्द्र और वकील अंसारी ने बताया कि जो मजदूरी उन्होने कर रखी है उसका 3 माह से पेमेंट भी नही आया. प्रधान से और गाव में लोगो से कर्ज लेकर अपना गुजारा कर रहे. सरकार अगर हमसे कार्य कराया तो उसे पैसे भी समय से दे देना चाहिए.
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अकबर पुर में दूसरी परियोजना कुदौना नहर से पटेरा पिच रोड के चकमार्ग पर मिट्टी भराई कार्य चल रहा था. जिसमे 5 सेट मस्टरोल पर 47 मजदूर कार्य करते दिखाए गए. लेकिन मौके पर सिर्फ तीन से चार लोग मिले. ग्राम प्रधान पति खुर्शीद आलम भी चल रही एक साईट पर मिल गए तो उन्होंने मजदूरी में हो रही देरी और मजदूरों के साथ प्रधानों की समस्या बताने लगे.
इस पूरे मामले पर जब विशुनपुरा बीडीओ से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मेरा ब्लाक मनरेगा पेमेंट के लिए भारत में टॉप पर है. लेकिन इस समय प्रदेश और केंद्र सरकार द्वारा भेजी जा रही धन में देरी हुई हैं. जिसके कारण पेमेंट 15 दिन में पेमेंट नही हो पाया. जहा मजदूरों की संख्या में कमी आप बता रहे है उसे दिखवाएंगे.
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इसके बाद हमारी टीम नेबुआ नौरंगीया ब्लाक के सवरहा खुर्द गांव पहुंची. जहां एक ही पास दो परियोजना पर कार्य दिखाते हुए हाजरी लगी. जिसमे पहली परियोजना विशुन के घर से सिंगहा बार्डर तक इंटरलॉकिंग कार्य पर दो सेट मस्ट्रोल में 15 लेबर लगे थे. वहीं दूसरी परियोजना रणविजय के घर से पुल तक दो सेट मस्ट्रोल जिसमे 15 मजदूर कर करते दिखाई गई. लेकिन मौके पर ग्राम प्रधान, ग्राम टीए व दो मजदूर पहले से हो चुकी कार्य की नाम जोख कर रहे थे.
पहले प्रधान ने कहा कि आज मजदूर कार्य नहीं कर रहे. जब ऑनलाइन हाजरी दिखाई गई तो कहने लगे कि सब अभी गए है. स्थानीय लोगों ने बताया कि यह सिर्फ दो लोग दिखे है, लेकिन कार्य नहीं हो रहा. इस गांव में अगर घोटालों के आकड़ों को देखे तो 30 मजदूर जिनकी फर्जी हाजरी लग रही थी जिसपर सरकार से 6900 रुपए प्रतिदिन का फर्जीवाड़ा हो रहा है.
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इस सम्बंध में जब नेबुआ नौरंगीया ब्लाक की बीडीओ उषा पाल से बात की गई तो तुरंत उसकी NMMS की हार्डकॉपी मंगा कर स्थिति देखी तो मामले में मॉनको के विपरीत फर्जी फोटोग्राफ देख सम्बन्धित ग्राम सचिव, टीए, ग्राम प्रधान व रोजगार सेवक पर नोटिस जारी करते हुए उस दिन के मनरेगा से जुड़े दैनिक कार्य पेमेंट पर प्रतिबंध लगा दिया.
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