नई दिल्ली। विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA एलायंस की मुश्किलें खत्म होती नजर नहीं आ रही है. बिहार, पंजाब और दिल्ली में सहयोगी दलों के साथ छोड़ने के बाद अब जम्मू-कश्मीर में भी सहयोगी दल नेशनल कॉंफ्रेंस ने भी साथ छोड़ दिया है. इसके साथ पार्टी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने भविष्य में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में फिर से शामिल होने का भी संकेत दिया है. इसे भी पढ़ें : BREAKING : इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को सुप्रीम कोर्ट ने किया रद्द, सर्वसम्मति से सुनाया फैसला…

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने एक मैग्जीन को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि उनकी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में अन्य राजनीतिक दलों के साथ गठबंधन किए बिना अपनी योग्यता के आधार पर चुनाव लड़ेगी. इसके साथ ही उन्होंने एनडीए में लौटने की संभावना से इनकार नहीं किया. बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान नेशनल कॉन्फ्रेंस एनडीए का हिस्सा थी.

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फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि भारत गठबंधन के घटकों के साथ सीट साझा करने की बातचीत विफल हो गई है. दरअसल, इंडिया ब्लॉक और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच दरारें पिछले महीने से ही दिखने लगी हैं. जनवरी में पूर्व सीएम ने कहा था कि अगर सीट-बंटवारे का फॉर्मूला जल्द तय नहीं किया गया तो कुछ विपक्षी दल एक अलग गठबंधन बना सकते हैं. पिछले महीने, जम्मू क्षेत्र में नेशनल कॉन्फ्रेंस के कई शीर्ष नेता भाजपा में शामिल हुए थे.

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25 पार्टियों के गठबंधन INDIA एलायंस को अपने क्षेत्रीय सहयोगियों के साथ सीट बंटवारे पर सहमति बनाने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. INDIA एलायंस को ताजा झटका आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल की घोषणा से लगा है, जिसमें पंजाब और चंडीगढ़ की सभी 14 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. दिल्ली में पार्टी ने कांग्रेस को सात लोकसभा सीटों में से सिर्फ एक सीट की पेशकश की है.

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अरविंद केजरीवाल ने यह घोषणा ऐसे समय में की, जब टीएमसी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उस बयान के कुछ सप्ताह बाद आई है, जिसमें उन्होंने लोकसभा चुनाव भी अकेले लड़ने की घोषणा करते हुए अपने सभी सीट-बंटवारे प्रस्तावों को खारिज करने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया था.

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